शिव परिवार में छुपे हैं रहस्य

Edited By ,Updated: 09 Mar, 2015 12:37 PM

article

शिव परिवार के मुखिया महादेव शंकर की अद्भुत महिमा है। भारतवर्ष में उनकी पूजा उत्तर से दक्षिण तक अनेक रूपों में होती है। महाशिवरात्रि में इनकी आराधना घर-घर होती है। महिलाएं सौभाग्य और समृद्धि के लिए शिव-पार्वती की पूजा चौथ को भी करती हैं। तीज एवं

शिव परिवार के मुखिया महादेव शंकर की अद्भुत महिमा है। भारतवर्ष में उनकी पूजा उत्तर से दक्षिण तक अनेक रूपों में होती है। महाशिवरात्रि में इनकी आराधना घर-घर होती है। महिलाएं सौभाग्य और समृद्धि के लिए शिव-पार्वती की पूजा चौथ को भी करती हैं। तीज एवं गणगौर पर्व इन्हीं को समर्पित हैं। राजस्थान में ईसर-गणगौर के रूप में शिव-पार्वती की युगल सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा होती है।

सदियों से शिव परिवार भारतीय संस्कृति और परिवार प्रथा का प्रेरणा स्रोत रहा है। इस परिवार के सभी सदस्य देवताओं की तरह पूजे जाते हैं। ऐसा बहुत कम परिवारों के साथ होता है। शिव परिवार के मुखिया स्वयं शिव नहीं हैं, देवी पार्वती हैं। उनके दोनों पुत्र कार्तिकेय और गणेश विश्व भर में पूजे जाते हैं। इनके अतिरिक्त इस परिवार में इन सब के वाहन भी शामिल हैं। महादेव का वाहन नंदी वृषभ तो उनके साथ हर मंदिर में रहता है। गौरी का वाहन सिंह आवश्यकता पडऩे पर उपस्थित रहता है। कार्तिकेय कुमार का वाहन मयूर और गणेश का वाहन मूषक (चूहा) सुविदित हैं।

गौरी जिस प्रकार सौभाग्य और समृद्धि की देवी हैं उसी प्रकार अन्नपूर्णा भी हैं। कार्तिकेय शौर्य, पराक्रम, यौवन और विजय के देवता हैं। दक्षिण भारत में तो स्कंद, मुरूगन आदि अनेक नामों से घर-घर में पूजे जाते हैं। उत्तर भारत में भी संतानोत्पत्ति के छठे दिन बालक की दीर्घायु, स्वास्थ्य, पराक्रम और कुशलता के लिए इनका आह्वान और पूजन किया जाता है।

शिव परिवार के बड़े पुत्र कार्तिकेय हैं तो छोटे पुत्र हैं गणेश जो सबके सुपरिचित हैं। कुछ लोगों का मत है कि गणेश बड़े और कार्तिकेय छोटे भाई हैं। गजानन गणेश अपनी माता गौरी के प्रिय हैं। मोदक खाना पसंद करते हैं। जन-जन के पूज्य हैं, विघ्न विनाशक हैं। दोनों पुत्र बचपन में बहुत शरारती थे। दोनों देवता शस्त्रधारी हैं, कार्तिकेय शक्ति आदि शस्त्र रखते हैं और गणेश जी त्रिशूल आदि। दोनों भाइयों की रुचियां अलग-अलग हैं।

शिव परिवार की विभिन्न रुचियों, व्यापक मांगों एवं विभिन्न परिस्थितियों में गृहस्वामिनी पार्वती जिस कुशलता से सामंजस्य बिठाती हैं उनका बड़ा सुंदर वर्णन संस्कृत के कवियों ने किया है।

अन्नपूर्णा पार्वती ने सारा घर बांध रखा है। उन्हीं की महिमा है कि पूरे परिवारजनों और परिवार के वाहनों (वृषभ, सिंह, मयूर और मूषक) के लिए भोजन की कमी कभी नहीं होती। तभी तो उन्हें अन्नपूर्णा कहा जाता है। ऐसी कुशल मुखिया के प्रबंध कौशल से सारा परिवार भली-भांति चलता है।

शिव परिवार का प्रत्येक देव अलग-अलग शक्तियों और विधियों का स्वामी है। शंकर कल्याणकारी हैं, गौरी सौभाग्य की देवी हैं, कार्तिकेय पराक्रम के देवता हैं और गणेश बुद्धि के। यही सब तो वांछित होता है एक संसारी को अपनी जीवनयात्रा में।

जीवन-लीला की समाधि के बाद तक शिव परिवार सबका उद्धार करता रहता है। भगवान शंकर अंतिम क्षण में तारक मंत्र फूंक कर प्राणी को सद्गति दिलाते हैं। श्मशान तक में उनका साथ नहीं छूटता। वह श्मशान वासी भी हैं, तभी तो वह मृत्युंजय हैं। उनके मंत्र का जप मृत्यु पर विजय दिलवा देता है, मृत्यु को पास फटकने भी नहीं देता। वह महामृत्युंजय न जाने कितनी शताब्दियों से सारे देश को जीवन दान देते आ रहे हैं, मृत्यु के भय को परास्त कर अमरत्व का पीयूष पिलाते रहते हैं। सारा विष, सारा कलुष स्वयं पी लेते हैं, औरों को अमृत पिलाते हैं।

गौरी दाम्पत्य सुख की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी पूजा कर, उनके नाम का सिंदूर मांग में धारण कर सुहागिनें अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त करती हैं। लोककथाओं में तो शिव-पार्वती त्रिलोकी में सदा विचरण करते रहते हैं। जहां कोई दीन-दुखिया या अभागिन दिखी, पार्वती उनकी विपत्ति समाप्त करने के लिए शिवजी से आग्रह करती हैं एवं सबका दुख दूर करना ही कर्तव्य मानती हैं।

इन्हीं सब अपूर्व गुणों और करतबों के कारण विलक्षण महिमा का धनी है यह शिव परिवार। भारत के घर-घर में इसकी महिमा गाई जाती है, सभी भारतीय भाषाओं में इस परिवार के देवताओं की स्तुतियां लिखी गई हैं, काव्य लिखे गए हैं, गाथाएं गाई जाती हैं, कथाएं प्रचलित हैं। 

गांव-गांव, नगर-नगर में जो शिव मंदिर स्थापित हैं उनमें इस परिवार के दर्शन कर सब कृतार्थ होते रहते हैं। शिव, पार्वती, गणेश और नंदी-बैल तो उत्तर भारत के मंदिरों में स्थापित देखे जा सकते हैं। 

कार्तिकेय भी तो दक्षिण भारत में मुरूगन हैं, घर-घर में, मंदिरों में पूजे जाते हैं। यह इस मूल्य का प्रतीक है कि परिवार के सदस्य अलग-अलग स्वभाव और शक्ति या रुचि अवश्य रखते हैं किंतु उनका एकजुट रहना ही परिवार को सच्ची परिभाषा देता है।                                                                                                                                                                                                     —राजीव मिश्र

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!