Edited By ,Updated: 02 May, 2015 08:15 AM
भंडार घर में घर का अन्न सहज कर रखा जाता है ताकि अवश्यकता पड़ने पर बाजार की ओर न दौड़ना पड़े। भंडार घर को साफ सुथरा और स्वच्छ रखें ताकि इसमें मां अन्नपूर्णा का वास हो सके और घर में सदा उनकी कृपा बनी रहे।
भंडार घर में घर का अन्न सहज कर रखा जाता है ताकि अवश्यकता पड़ने पर बाजार की ओर न दौड़ना पड़े। भंडार घर को साफ सुथरा और स्वच्छ रखें ताकि इसमें मां अन्नपूर्णा का वास हो सके और घर में सदा उनकी कृपा बनी रहे। वास्तु शास्त्र के अनुसार भंडार घर के स्थान और चीजों के रखरखाव के लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं।
* घर में समृद्धि बनाए रखने के लिए भंडार घर में डिब्बे या कनस्तर खाली न रखें। जब भी कोई डिब्बा पूर्ण रूप से खाली हो जाए तो उसमें थोड़ा सा अन्न बचा कर रखें।
* भंडार घर में घी, तेल, मिट्टी का तेल एवं गैस सिलेन्डर आदि को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
* भंडार घर में श्री विष्णु और देवी लक्ष्मी का चित्र या प्रतिमा अवश्य लगाएं। ऐसा करने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती।
* रोजमर्रा के खाद्यान्न को भंडार घर के उत्तर-पश्चिमी भाग में रखें।
* आग्नेय कोण में भंडार घर का निर्माण आर्थिक तंगी उत्पन्न करता है।
* भंडार घर दक्षिण दिशा में हो तो घर में कलह का माहौल बना रहता है।
* भंडार घर के उत्तर-पूर्व में जल से भरा पात्र रखने से परिवार के सदस्यों में प्रेम बढ़ता है।
* भंडार घर की स्टोरेज कैबिनेट पश्चिमी एवं उत्तरी दिशा में बनवाएं। भंडार घर का दरवाजा दक्षिण-पश्चिम कोने में न बनवा कर अन्य किसी भी दिशा में बनवा सकते हैं।
* भंडार घर में कभी भी फालतू एवं रद्दी वस्तुओं का ज्यादा दिन तक भंडारण न करें।
उपरोक्त वास्तु नियम अपनाने से सोया भाग्य जगता है, खाली तिजोरी भरती है और घर में खुशहाली की वर्षा होती है।