Edited By ,Updated: 22 Sep, 2015 11:55 AM
अधिकतर घरों में अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए सुगंधित अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाई जाती है। बहुत से लोग घर या कार्यस्थान पर खुशबू का वातावरण बनाए रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
अधिकतर घरों में अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए सुगंधित अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाई जाती है। बहुत से लोग घर या कार्यस्थान पर खुशबू का वातावरण बनाए रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
कुछ समय पूर्व हुए एक रिसर्च के दौरान पता चला है कि अधिकतर पूजा-पाठ में प्रयोग होने वाली खुशबूदार अगरबत्ती और धूपबत्ती स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इनको जलाने के बाद जो धुआं निकलता है वो शारीरिक कोशिकाओं पर बुरा प्रभाव डालता है जोकि सिगरेट के धुएं से भी अधिक जहरीला है। रिसर्च में पाया गया कि इनके धुएं से कोशिकाओं के DNA में बदलाव हो जाता है, जिससे की कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में अगरबत्ती बनाने वाली उच्च दर्जे की कंपनियों ने दावा किया है कि यह शोध चाईनिज अगरबत्तियों के बारे में सही साबित हो सकता है लेकिन भारतीय अगरबत्तियों के बारे में सही नहीं हो सकता क्योंकि भारत में बनने वाली अगरबत्तियों को विदेशों में भी भेजा जाता है, जहां पर कड़े टेस्ट के बाद ही उनकी सप्लाई होती है।
सच क्या है यह तो कोई नहीं जानता लेकिन जागरूकता अवश्यक है। भगवान को खुश करने के स्थान पर कहीं आप भगवान के द्वार पर दस्तक न दे दें। किसी भी तरह का धुआं फेफड़ों के लिए खतरनाक ही होता है।
वैसे पुरातन काल से भारत में स्वाभाविक तौर पर उत्पन्न होने वाली लकड़ियों को सुंगध के लिए इस्तेमाल किया जाता है जैसे चंदन, अगर, तगर आदि। इन पर केमिकल का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इन्हें घर पर गमलों में भी लगाया जा सकता है।