Edited By Jyoti,Updated: 21 Nov, 2022 05:14 PM

अंतरिक्ष विज्ञानियों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने एक क्षुद्र ग्रह का पता लगाया है, जिसकी कक्षा पृथ्वी की कक्षा से हो कर गुजर रही है। सुदूर भविष्य में इस इसकी पृथ्वी से विध्वंसकारी टक्कर की कुछ आशंकाएं नजर आई हैं।
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अंतरिक्ष विज्ञानियों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने एक क्षुद्र ग्रह का पता लगाया है, जिसकी कक्षा पृथ्वी की कक्षा से हो कर गुजर रही है। सुदूर भविष्य में इस इसकी पृथ्वी से विध्वंसकारी टक्कर की कुछ आशंकाएं नजर आई हैं। करीब 1.5 किलोमीटर चौड़े इस क्षुद्र ग्रह को 2022 एपी7 नाम दिया गया है। यह अंतरिक्ष के उस इलाके में मिला है जहां सूरज की अत्यधिक चमक के कारण किसी आकाशीय पिंड को देख पाना बेहद मुश्किल होता है। चिली के विक्टर एम ब्लांको टैलिस्कोप में डार्क मैटर की स्टडी के लिए इस्तेमाल होने वाले उन्नत उपकरणों की मदद से इस क्षुद्र ग्रह को देखा गया। इसके साथ और क्षुद्र ग्रह भी नजर आए हैं, जो पृथ्वी के करीब हैं।

पृथ्वी से टकराने की आशंका
कार्नेगी इंस्टीच्यूशन फॉर साइंस के अंतरिक्ष विज्ञानी स्कॉट शेपर्ड इस रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक हैं। शेपर्ड का कहना है, ‘‘2022 एपी7 का पथ पृथ्वी की कक्षा से गुजरता है, जो इसे खतरनाक क्षुद्र ग्रह बनाता है, हालांकि फिलहाल या निकट भविष्य में इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका नहीं है।’’
खतरे की आशंका इस बात से होती है कि किसी भी घूमते हुए पिंड का पथ कई सारे ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धीरे-धीरे बदलता है। ऐसी स्थिति में ज्यादा लंबे समय के लिए कोई पूर्वानुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है।
अमरीका की नॉइर लैब कई सारी दूरबीनों का संचालन करती है। लैब का कहना है कि यह क्षुद्र ग्रह, ‘‘बीते आठ सालों में खोजा गया सबसे बड़ा पिंड है, जो काफी खतरनाक है।’’
2022 एपी7 को अपनी वर्तमान कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करने में 5 साल लगते हैं, इसके आधार पर जब यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा तब भी इसकी दूरी करोड़ों किलोमीटर होगी।

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टक्कर हुई तो होगा बहुत नुक्सान
शेपर्ड के मुताबिक, ऐसे में इससे टक्कर होने की आशंका बहुत कम है, लेकिन अगर टक्कर हुई तो इस आकार के क्षुद्र ग्रह से ‘जीवन पर विध्वंसकारी असर हो सकता है।’ शेपर्ड ने समझाया कि टक्कर के नतीजे में जो धूल हवा में उड़ेगी वह वातावरण को बहुत ठंडा कर देगी और उसके नतीजे में, ‘‘ऐसा विलुप्तीकरण हो सकता है, जो धरती पर करोड़ों सालों में नहीं देखा गया।’’
शेपर्ड की टीम की रिसर्च रिपोर्ट एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में छपी है। दूसरे दो क्षुद्र ग्रहों से धरती को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इनमें एक अब तक सूरज के सबसे करीब पाया गया क्षुद्र ग्रह है।

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आसपास अलग-अलग आकार के करीब 30,000 क्षुद्र ग्रह खोजे हैं। इनमें एक किलोमीटर से ज्यादा व्यास वाले क्षुद्र ग्रह 850 से अधिक हैं। इन सबको ‘नियर अर्थ ऑब्जैक्ट्स’ कहा जाता है। इनमें से किसी के भी धरती से अगले 100 साल में टकराने की आशंका नहीं है।
कई क्षुद्र ग्रहों की खोज बाकी
शेपर्ड के मुताबिक अभी भी 20-50 बड़े क्षुद्र ग्रहों की खोज होनी बाकी है, हालांकि इनमें से ज्यादातर की कक्षा ऐसी है जो सूर्य की चमक से छिप जाती है।
भविष्य में किसी ज्यादा खतरनाक पिंड की खोज के लिए नासा ने सितम्बर में एक अभियान का परीक्षण किया था, जिसमें एक अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह से टकराया गया। इस परीक्षण के बाद नासा ने दावा किया कि इनके पथ को बदला जा सकता है।