शिव महापुराण: ये उपाय करने से आप भी पा सकते हैं शिव जी से मनचाहा वरदान

Edited By Jyoti,Updated: 04 May, 2020 02:38 PM

benefits of shiv puja according to shiv mahapurana

सोमवार का दिन शिव जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार समस्त देवी-देवताओं में केवल एक मात्र शंभूनाथ ऐसे देवता हैं जो शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं

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सोमवार का दिन शिव जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार समस्त देवी-देवताओं में केवल एक मात्र शंभूनाथ ऐसे देवता हैं जो शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं। इसी कारण शायद इन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें खुश करने के लिए मन में सच्ची भावना काफी होती है। परंतु इसका मतलब ये नहीं कि मानव द्वारा अपनी तरफ़ से कोई प्रयास न किया जाए। शास्त्रों में भी वर्णन किया है ‘कर्म किए जा फल की इच्छा फल मत कर’। तो अगर आप भोलेनाथ को खुश करना चाहते हैं आगे बताई जाने वाली शिव महापुराण की खास बातों को ज़रूर जानें-
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इसमें लिखा गया है कि जो भी व्यक्ति शिव महापुराण में बताई गई बातों के अनुसार शिव की पूजा की जाए समस्त प्रकार की बाधाएं जीवन में से चली जाती हैं। साथ ही साथ इसमें बताया गया है कि सोमवार, पूर्णिमा, प्रदोष एवं सावन के महीने में पूर्ण श्रद्धा के साथ शिवलिंग का खास पदार्थों से परिवार सहित शिवलिंग का अभिषेक किया जाए और सुगंधित शुद्ध चंदन से त्रिपुंडी का तिलक लगाएं, तो जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

मान्यताओं के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कई रह के कष्ट आदि हो तो उसे पंचामृत से रोज़ाना शिव जी का अभिषेक करना चाहिए।

यश और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गाय के दूध से रुद्राभिषेक करवा चाहिए। इससे जीवन में खुशहाली आती है एवं घर से हर प्रकार के कलह कलेश दूर होते हैं।

जो जातक गाय के शुद्ध देसी घी से देवों के देव महादेव का अभिषेक करता है वो शिव जी से दीर्घायु व  वंश वृद्धि का वरदान पाता है।

शिव महापुराण के मुताबिक अगर गन्ने के रस से शिव जी का अभिषेक किया जाए तो कभी जवन में धन की कमी नहीं होती।
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शिव जी पर सुंगधित तेल अर्पित करने से भोगों की प्राप्ति होती है। तो वहीं सरसों के तेल से शिव जी का रुद्राभिषेक करने से जातक को अपने शत्रुओं से छुटकारा मिलता है तथा हर क्षेत्र में विजय प्राप्ति होती है।

शहद से अभिषेक करने पर हर प्रकार के रोगों का निवारण होता है तथा यदि पहले ही कोई रोग लगा हो तो उससे छुटकारा भी मिलता है।

सुख-समृद्धि भक्ति भाव के साथ बेल पत्र से भगवान का अभिषेक करें तथा बेलपत्र "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का उच्चारण करें।

संभव हो तो धतूरे के एक लाख फूलों से न केवल सोमवार बल्कि रोज़ाना शिवलिंग का अभिषेक करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर लाल डंठल वाले धतूरे से शिव जी की पूजा की जाए तो अति उत्तम होता है।

शिवाभिषेक करने से पूर्व इन दो शिव मंत्र का जप 108 बार जरूर करें।
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।। ॐ नमः शिवाय ।।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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