Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Aug, 2025 06:41 AM

Bhadrapada Maas Masik Shivratri 2025: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। जो भगवान शिव को समर्पित पर्व है। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना का श्रेष्ठ दिन माना गया है। इस व्रत से पाप नष्ट होते हैं और...
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Bhadrapada Maas Masik Shivratri 2025: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। जो भगवान शिव को समर्पित पर्व है। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना का श्रेष्ठ दिन माना गया है। इस व्रत से पाप नष्ट होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख-शांति बनी रहती है। भाद्रपद मास की शिवरात्रि विशेष मानी जाती है क्योंकि इस समय भाद्रपदी अमावस्या और पितृपक्ष समीप होते हैं। इस कारण शिव उपासना से पूर्वज भी तृप्त होते हैं। यह व्रत चंद्र दोष और कालसर्प दोष जैसी ग्रह बाधाओं को भी कम करने वाला माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत व उपवास का विशेष महत्व है। अपनी-अपनी सामर्थ्य के अनुसार भक्त इस दिन उपवास रखते हैं, कुछ लोग फलाहार करते हैं और कुछ निर्जला उपवास रखते हैं।

Monthly Shivratri Puja Vidhi मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि का व्रत आरंभ करने से पहले सुबह स्नान कर संकल्प लें। शिवलिंग पर जल, गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से अभिषेक करें। बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, सफेद पुष्प चढ़ाएं। "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप विशेष फलदायी माना जाता है। रात्रि में जागरण कर शिव कथा, रुद्राष्टक, शिव चालीसा आदि का पाठ किया जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव मंदिर जाने का विशेष महत्व है।

भाद्रपद मास में मासिक शिवरात्रि पर व्रत व शिव परिवार की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृदोष से मुक्ति का मार्ग खुलता है। मासिक शिवरात्रि पर करें ये उपाय
रात्रि में एक दीपक जलाकर शिवलिंग के समीप रखें। "महामृत्युंजय मंत्र" का कम से कम 108 बार जप करें।

चांदी के नाग-नागिन या बिल्व पत्र शिव जी को अर्पित करें, इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
