Bhagat Singh Birth Anniversary: ऐसे थे हमारे भगत सिंह...

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Sep, 2022 08:21 AM

bhagat singh

भारत की आजादी के लिए लड़ी गई लंबी लड़ाई शहीद-ए-आजम भगत सिंह और उनके साथियों के जिक्र के बिना अधूरी है। इस महान योद्धा का जन्म 28 सितम्बर 1907 को लायलपुर जिला के गांव बंगा (मौजूदा पाकिस्तान) में हुआ था।

Bhagat Singh Birth Anniversary: भारत की आजादी के लिए लड़ी गई लंबी लड़ाई शहीद-ए-आजम भगत सिंह और उनके साथियों के जिक्र के बिना अधूरी है। इस महान योद्धा का जन्म 28 सितम्बर 1907 को लायलपुर जिला के गांव बंगा (मौजूदा पाकिस्तान) में हुआ था। उनका पैतृक घर आज भी भारतीय पंजाब के नवांशहर जिला के खटकड़ कलां में मौजूद है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

PunjabKesari Bhagat Singh

भगत सिंह पढ़ने के शौकीन थे। उन्हें उर्दू में महारत हासिल थी और उन्होंने हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी और संस्कृत पर भी अच्छी पकड़ बना ली थी। अपने पिता को वह उर्दू में ही पत्र लिखते थे। 1923 में वह लाहौर के नैशनल कालेज में दाखिल हो गए और इसकी नाटक मंडली के सक्रिय सदस्य बन गए और बाद में कालेज छोड़ कर ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ का हिस्सा बन कर क्रांतिकारी संगठन के साथ जुड़ गए।

जलियांवाला कांड की सूचना मिलते ही भगत सिंह, जो उस समय लगभग 12 वर्ष के थे, अपने स्कूल से 12 मील पैदल चल कर जलियांवाला बाग पहुंचे थे। इस उम्र में भी भगत सिंह क्रांतिकारी किताबें पढ़ते थे और सोचा करते थे कि उन का रास्ता सही है कि नहीं। वह ‘गदर पार्टी’ की विचारधारा से भी प्रभावित थे।

PunjabKesari Bhagat Singh

बाद में परिवार वालों द्वारा शादी के लिए दबाव डालने पर वह लाहौर छोड़ कर कानपुर चले गए। 1927 में काकोरी रेलगाड़ी डाका मामले में भगत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर लाहौर के दशहरा मेला दौरान हुए बम धमाके का आरोप भी डाल दिया गया।

सितम्बर 1928 में भगत सिंह ने आजादी के लिए संघर्ष जारी रखते हुए नौजवान भारत सभा का गठन किया। साइमन कमीशन 1928 में भारत आया और उसका बहिष्कार करने के लिए जोरदार प्रदर्शन हुए। जब यह कमीशन 30 अक्तूबर 1928 को लाहौर पहुंचा तो लाला लाजपत राय के नेतृत्व में लोगों ने जबरदस्त रोष प्रदर्शन किया, जिसमें हिस्सा लेने वालों पर अंग्रेज सुपरिंटैंडैंट स्कॉट ने लाठीचार्ज करने का हुक्म दे दिया। इसमें लाला जी बुरी तरह घायल हो गए और 17 नवम्बर 1928 को उनका निधन हो गया।

इससे गुस्साए भगत सिंह और उनके साथियों ने स्कॉट को जान से मारने का फैसला किया। 17 दिसम्बर, 1928 को गलती से लाहौर के जिला पुलिस दफ्तर के सामने स्कॉट की जगह सांडर्स को मार दिया गया। इस तरह इन नौजवानों ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला ले लिया।

PunjabKesari Bhagat Singh

भगत सिंह कार्ल मार्क्स की शिक्षाओं से प्रभावित और समाजवाद के समर्थक थे, परंतु इसके बावजूद युवा इंकलाबियों ने भगत सिंह और उनके साथियों की रहनुमाई में बर्तानवी हकूमत के साथ-साथ भारतीयों को झिझोड़ने के लिए दिल्ली असैंबली में बम धमाका करनेकी योजना बनाई। इसके लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त का नाम तय हुआ।

8 अप्रैल, 1929 को केंद्रीय असैंबली में दोनों ने एक खाली जगह पर बम फैंक दिया। वे चाहते तो वहां से फरार हो सकते थे,परंतु उन्होंने वहीं रुक कर ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।

कुछ समय में ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। जेल में भगत सिंह ने लगभग दो वर्ष गुजारे। इस दौरान भी वह कई क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़े रहे और उनकी पढ़ाई भी जारी रही। जेल में भगत सिंह और उनके साथियों ने 64 दिन भूख हड़ताल की।

PunjabKesari Bhagat Singh

लाहौर में सांडर्स के कत्ल, असैंबली बम कांड आदि के केस चले। 7 अक्तूबर 1930 को ट्रिब्यूनल का फैसला जेल में पहुंचा। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी, कमल नाथ तिवाड़ी, विजय कुमार सिन्हा, जय देव किशोर, शिव वर्मा, गया प्रसाद, किशोरी लाल और महावीर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

भगत सिंह ने फांसी से तीन दिन पहले पंजाब के गवर्नर को लिखा कि उन के साथ जंगी कैदियों वाला सलूक किया जाए क्योंकि वे बर्तानवी साम्राज्य के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, इसलिए उनको फांसी देने की बजाय गोली मार दी जाए। लेकिन बर्तानवी हकूमत इतनी कमजोर साबित हुई कि फांसी के लिए तय वक्त प्रात:काल के 6 से 7 बजे पर भी कायम न रह सकी। एक दिन पहले ही 23 मार्च, 1931 को शाम के करीब 7.23 बजे भगत सिंह व उनके दोनों साथियों को फांसी दे दी गई।

फांसी पर जाने से पहले वह लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे। जब जेल आधिकारियों ने उनको सूचना दी कि उनकी फांसी का समय आ गया है तो उन्होंने कहा रुको, एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से मिल रहा है।

PunjabKesari kundli

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!