Dhanteras Vastu Tips: धनतेरस पर जरूर करें ये काम, दरिद्रता होगी दूर

Edited By Updated: 10 Oct, 2025 06:00 AM

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Dhanteras Vastu Tips: धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं, दिवाली त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन धन के देवता भगवान धन्वंतरि और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य या वास्तु उपाय घर में...

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Dhanteras Vastu Tips: धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं, दिवाली त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन धन के देवता भगवान धन्वंतरि और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य या वास्तु उपाय घर में धन-धान्य, सुख-समृद्धि और आरोग्य लाता है और दरिद्रता को हमेशा के लिए दूर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, धनतेरस पर कुछ विशेष कार्य करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है-

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धनतेरस पर जरूर करें ये 5 महत्वपूर्ण वास्तु और सफाई कार्य

घर की मुख्य चौखट 
घर का मुख्य द्वार ही वह स्थान है, जहां से लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है। वास्तु के अनुसार, यह स्थान पवित्र और आकर्षक होना चाहिए। धनतेरस के दिन सुबह मुख्य द्वार को अच्छी तरह धोकर साफ करें। द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। शाम के समय द्वार पर रंगोली अवश्य बनाएँ। रंगोली में लाल, पीला और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि मुख्य द्वार पर कोई टूटा हुआ सामान हो या कोई कील बाहर निकली हो, तो उसे तुरंत ठीक करें। टूटा हुआ द्वार या दरारें नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।

कुबेर का स्थान
वास्तु में उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर और अवसरों का स्थान माना जाता है। धनतेरस पर इस दिशा को सक्रिय करना अत्यंत आवश्यक है। उत्तर दिशा से सभी प्रकार की टूटी-फूटी, कबाड़ या भारी वस्तुएँ तुरंत हटा दें। इस दिशा में गंदगी या अव्यवस्था धन के प्रवाह को रोकती है। यहां कुबेर यंत्र या भगवान कुबेर की तस्वीर स्थापित करें। इस दिन तिजोरी या धन रखने का स्थान भी इसी दिशा में होना चाहिए।

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 जल निकासी और शौचालय की वास्तु शुद्धि
वास्तु के अनुसार, जिस तरह घर में धन का आगमन ज़रूरी है, उसी तरह धन का ठहराव भी आवश्यक है। जल निकासी की व्यवस्था और शौचालय से जुड़ी वास्तु दोष धन को ठहरने नहीं देते। धनतेरस पर सुनिश्चित करें कि आपके घर में कहीं भी नल टपक न रहा हो। टपकता हुआ नल धन के व्यर्थ बहने का प्रतीक है। इसे तुरंत ठीक कराएं।

पुराने और बेकार बर्तनों को हटाएं
धनतेरस का शाब्दिक अर्थ है धन और तेरह। इस दिन नए बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है लेकिन उससे पहले पुराने, टूटे या बेकार बर्तनों को घर से बाहर निकालना जरूरी है। घर से सभी टूटे हुए बर्तन, कांच या क्रॉकरी को हटा दें। ये वस्तुएं घर में दरिद्रता और दुर्भाग्य लाती हैं। यदि घर में कोई पुराना, जंग लगा या खराब ताला पड़ा हो, तो उसे तुरंत हटा दें। ताला दरिद्रता को बांधने का प्रतीक बन सकता है। धनतेरस से पहले ही घर के सभी कोनों और स्टोर रूम से रद्दी, कबाड़ और अनावश्यक कागज़ात को बाहर निकाल दें। कबाड़ नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है।

दीपक और यमराज के लिए दीपदान
धनतेरस पर दीपदान का विशेष महत्व है, जो अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है और आरोग्य प्रदान करता है। शाम को पूजा के बाद, घर का पहला दीपक घर की पश्चिम दिशा में या मुख्य द्वार के बाहर यमराज के नाम पर जलाया जाता है। इस दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। यह दीपक घर के सदस्यों को लंबी उम्र का वरदान देता है।

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