Edited By Lata,Updated: 09 Nov, 2019 12:08 PM
आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसे किसी भी चीज़ की कमी न रहे। ऐसे में वे इंसान दिन-रात मेहनत भी बहुत करता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसे किसी भी चीज़ की कमी न रहे। ऐसे में वे इंसान दिन-रात मेहनत भी बहुत करता है। शास्त्रों के अनुसार अगर आप भी चाहते हैं कि आपका धन बढ़े और आप सुखमय जीवन का आनंद उठाएं तो यह दो बातें कभी नहीं भूलनी चाहिए। कहते हैं कि धन को कभी भी संभाल कर नहीं रखना चाहिए। क्योंकि ये धन एक न एक दिन नष्ट जरूर हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार आज हम आपको ऐसी दो बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी भी व्यक्ति को नहीं भूलनी चाहिए।
श्लोक
दानं भोगो नाशस्तिस्त्रो गतयो भवन्ति वित्तस्य।
यो न ददाति न भुङ्क्ते तस्य तृतीया गतिर्भवति॥
इसका अर्थ है कि धन की तीन ही गति होती है, इसलिए जो धन के साथ दो काम नहीं करते हैं, उनके धन का नाश हो जाता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी का एक नाम चंचला भी है। इस नाम से मां के स्वभाव के बारे में पता चलता हैं कि वह चंचल स्वभाव की हैं और एक स्थान पर कभी भी रुक कर नहीं रहती हैं, इसलिए इन्हें रोककर रखने की भूल न करें।
धन को नष्ट होने से बचाना है तो इसके लिए सिर्फ दो ही तरीके हैं या तो आप धन का दान करें। यानि धन का लेन-देन करें और जरुरतमंदों को दें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो धन को सुख-भोग में उपयोग करें।
जो लोग धन का उपभोग नहीं करते हैं और न दान धर्म में खर्च करते हैं उनका धन तेजी से नष्ट होता चला जाता है। इसलिए धन का सदुपयोग करना चाहिए। इसे रोककर नहीं रखना चाहिए और इसका उपयोग अच्छे कामों में करना चाहिए।