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Nameplate for home: घर व ऑफिस के बाहर नेम प्लेट लगाने का चलन विश्व के सभी देशों में हैं। सभी का प्रयास रहता है कि उनकी नेम प्लेट आकर्षक, स्टालिश, डिजाईनर और दूसरों से अलग हो। सामान्यतः नेम प्लेट लकड़ी, प्लास्टिक, ग्रेनाईट, मार्बल, पीतल इत्यादि जैसे मटेरियल की विभिन्न आकार-प्रकार एवं रंगों की बनवाकर लगवाई जाती है। नेम प्लेट से तात्पर्य वह प्लेट जिसके ऊपर वहां रहने वाले का नाम, घर व ऑफिस का नाम एवं पता इत्यादि दर्शाया जाता हो। नेम प्लेट के लिए वास्तु के सिद्धांत का पालन अवश्य करना चाहिए।
जिस प्रकार हम घर के मुख्यद्वार पर शुभ-लाभ, स्वास्तिक, मंगल-कलश इत्यादि शुभ मांगलिक चिह्न के लिए केवल लाल, सिंदूरी, केसरी जैसे रंगों का उपयोग करते हैं। उसी प्रकार नेम प्लेट व उस पर लिखावट के लिए सफेद, क्रीम, ऑफ व्हाईट, लाल, सिन्दूरी, केसरिया, पीला रंग या इन्हीं रंगों से मिलते-जुलते रंगों का उपयोग करना चाहिए परंतु यह ध्यान अवश्य रखें कि लाल, सिंदूरी या केसरी रंग का उपयोग प्रमुखता से किया जाए। जैसे सफेद, हल्का पीला, आफ व्हाईट इत्यादि रंग की प्लेट पर तथा लाल, सिंदूरी या केसरी रंग से नाम लिखा जाए। लाल व इससे मिलते-जुलते रंग वहां रहने वालों की प्रसिद्धि बढ़ाने में सहायक होते हैं। जबकि इसके विपरीत घर के सामने लगी ब्ल्यू, ब्लैक, ग्रे या इससे मिलते-जुलते रंगों की नेम प्लेट वहां रहने वालों के यश में कमी करती है।
वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा
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