Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Dec, 2025 02:44 PM

Purnima Calendar 2026: सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होता है, जिससे यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है। पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान, व्रत,...
Purnima Calendar 2026: सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होता है, जिससे यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है। पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान, व्रत, दान और देवी-देवताओं की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पापों का क्षय होता है। साल 2026 में अधिक मास (मलमास) के कारण सामान्य 12 की बजाय कई अतिरिक्त पूर्णिमाएं पड़ रही हैं। आइए पूरी सूची देखते हैं कि 2026 में पूर्णिमा कब-कब पड़ेगी और किस दिन व्रत रखा जाएगा।

Full Purnima List 2026 साल 2026 में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा?
नीचे 2026 की सभी पूर्णिमा तिथियों की मासिक लिस्ट दी गई है—
1 पौष पूर्णिमा – 3 जनवरी 2026 (शनिवार)
2 माघ पूर्णिमा – 1 फरवरी 2026 (रविवार)
3 फाल्गुन पूर्णिमा – 3 मार्च 2026 (मंगलवार)
4. चैत्र पूर्णिमा – 1 अप्रैल 2026 (बुधवार)
5. उदय व्यापिनी चैत्र पूर्णिमा – 2 अप्रैल 2026 (गुरुवार)
6. वैशाख पूर्णिमा – 1 मई 2026 (शुक्रवार)
7. ज्येष्ठ अधिक पूर्णिमा – 30 मई 2026 (शनिवार)
8. उदय व्यापिनी ज्येष्ठ अधिक पूर्णिमा – 31 मई 2026 (रविवार)
9. ज्येष्ठ पूर्णिमा – 29 जून 2026 (सोमवार)
10. आषाढ़ पूर्णिमा – 29 जुलाई 2026 (बुधवार)
11. श्रावण पूर्णिमा – 27 अगस्त 2026 (गुरुवार)
12. उदय व्यापिनी श्रावण पूर्णिमा – 28 अगस्त 2026 (शुक्रवार)
13. भाद्रपद पूर्णिमा – 26 सितंबर 2026 (शनिवार)
14. आश्विन पूर्णिमा – 25 अक्टूबर 2026 (रविवार)
15. उदय व्यापिनी आश्विन पूर्णिमा – 26 अक्टूबर 2026 (सोमवार)
16. कार्तिक पूर्णिमा – 24 नवंबर 2026 (मंगलवार)
17. मार्गशीर्ष पूर्णिमा – 23 दिसंबर 2026 (बुधवार)

पूर्णिमा का महत्व क्यों है इतना खास?
पवित्र नदियों में स्नान का महत्व
इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप नाश होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
देवी-देवताओं की पूजा से मिलता है शुभ फल
पूर्णिमा के दिन इनकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, भगवान शिव और चंद्र देव विशेष रूप से सत्यनारायण व्रत और कथा का अत्यंत महत्व है।

दान और व्रत के शुभ फल
इस दिन भोजन, वस्त्र, मिठाई, चावल और सफेद चीजों का दान अत्यंत पुण्यदायी होता है।
पूर्णिमा की रात क्यों होती है विशेष?
खगोलीय दृष्टि से इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के ठीक सामने होता है और सूर्य का प्रकाश उसे पूरी तरह प्रकाशित करता है। इसी कारण इसे फुल मून डे (Full Moon) कहा जाता है। ध्यान, योग, उपवास और साधना के लिए पूर्णिमा की रात अत्यंत शुभ मानी जाती है। बौद्ध और जैन धर्म में भी पूर्णिमा की महत्ता है भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण तीनों पूर्णिमा के दिन ही हुए थे।

पूर्णिमा पर चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय
चंद्रमा की रोशनी में बैठें। रात में स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें और कुछ समय चांदनी में ध्यान करें।
चंद्र मंत्र का जाप करें
मोती की माला से करें 11 माला जाप —“ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नमः”
चंद्र देव को अर्घ्य दें
कच्चे दूध और पानी से चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक शांति मिलती है।
