Hayagriva Jayanti- कुशाग्र बुद्धि का मालिक बना देगा हयग्रीव जयंती का ये उपाय

Edited By Updated: 08 Aug, 2025 08:14 AM

hayagriva jayanti

Hayagriva Jayanti 2025- श्री हरि विष्णु के अवतार अश्व मुख वाले भगवान हयग्रीव का जन्मदिवस हयग्रीव जयन्ती के रुप में मनाया जाता है। ये अद्वितीय अवतार है, इनका मुंह घोड़े जैसा तथा शरीर मनुष्य की भांति है। इस रुप में हयग्रीव नाम के दैत्य का भगवान विष्णु...

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Hayagriva Jayanti 2025- श्री हरि विष्णु के अवतार अश्व मुख वाले भगवान हयग्रीव का जन्मदिवस हयग्रीव जयन्ती के रुप में मनाया जाता है। ये अद्वितीय अवतार है, इनका मुंह घोड़े जैसा तथा शरीर मनुष्य की भांति है। इस रुप में हयग्रीव नाम के दैत्य का भगवान विष्णु ने वध कर वेदों की रक्षा करी थी। हयग्रीव दैत्य को ब्रह्मा जी का वरदान था की उसका वध उसी के समान नाम और रूप वाला कर सकता है। किसी अन्य के हाथों वे कभी परास्त नहीं हो सकता था। भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लेकर हयग्रीव दैत्य का वध कर दिया।

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Hayagriva Jayanti auspicious time हयग्रीव जयंती शुभ मुहूर्त
हयग्रीव जयन्ती का पर्व शुक्रवार 8 अगस्त 2025 को है। हयग्रीव जयन्ती का शुभ मुहूर्त- 04:30 पी एम से 07:12 पी एम तक है यानि कुल 02 घण्टे 41 मिनट। पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 8 अगस्त 2025 को 02:12 पी एम पर होगा और समापन 9 अगस्त 2025 को 01:24 पी एम बजे होगा।

Classical significance of Hayagriva Jayanti हयग्रीव जयंती का शास्त्रीय महत्व
शास्त्रों के अनुसार देवी भागवत पुराण, अग्नि पुराण और स्कंद पुराण में हयग्रीव की स्तुति और अवतार का विस्तृत वर्णन है। यह जयंती विद्यार्थियों, वेदाध्ययन करने वालों, शोधकर्ताओं और ध्यान-साधकों के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है। ज्ञान की प्राप्ति, स्मरण शक्ति में वृद्धि, शुद्ध बुद्धि का विकास और आध्यात्मिक साधना में प्रगति का दिन है हयग्रीव जयंती।

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What not to do on Hayagriva Jayanti हयग्रीव जयंती पर क्या न करें
तामसिक भोजन (मांस, मद्य आदि) से परहेज करें।
असत्य भाषण, अपवित्र वचन या क्रोध से बचें।
पूजा बिना स्नान या विधिवत संकल्प के न करें।

What to do on Hayagriva Jayanti हयग्रीव जयंती पर क्या करें
हयग्रीव जयंती के दिन घोड़े का दर्शन करना शुभ माना जाता है।
हयग्रीव जयंती पर घोड़े को हरी घास या गुड़ खिलाना, चींटियों और मछलियों को भोजन कराना पुण्यकारी माना जाता है।
छात्र इस दिन पठन सामग्री, कलम, पुस्तक आदि की पूजा कर सकते हैं।
ध्यान करते समय मंत्र का उच्चारण नासिका और कंठ के बीच ध्यान केंद्रित करके करें, जिससे ऊर्ध्व ज्ञान नाड़ी सक्रिय होती है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

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Hayagriva Mahamantra and Stotra हयग्रीव महामंत्र एवं स्तोत्र
हयग्रीव गायत्री मंत्र:
ॐ वदवमुखाय विद्महे। हयग्रीवाय धीमहि। तन्नो वेदः प्रचोदयात्॥

Hayagriva Beej Mantra हयग्रीव बीज मंत्र
ॐ ह्रीं ऐं हयग्रीवाय नमः॥

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Hayagriva Dhyana Shloka (Based on Skanda Purana) हयग्रीव ध्यान श्लोक (स्कंद पुराण आधारित):
श्वेतवर्णं शुद्धसत्त्वं शुद्धविद्याधरं हरिम्।
हयग्रीवं महादेवं वन्दे वेदस्य नायकम्॥

Benefits of Hayagriva Sadhana हयग्रीव साधना के लाभ
मेधा शक्ति और स्मरण शक्ति की तीव्रता।
मंत्र सिद्धि में सहायता।
वेद, शास्त्र, संगीत, ज्योतिष, संस्कृत जैसे विद्याओं में दक्षता।
आध्यात्मिक उन्नति और चित्त की शुद्धता।

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