Edited By Sarita Thapa,Updated: 08 Dec, 2025 08:27 AM

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पावन संगम पर लगने वाले विश्व विख्यात माघ मेला 2026 की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं।
Magh Mela 2026 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पावन संगम पर लगने वाले विश्व विख्यात माघ मेला 2026 की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। इस बार इस आस्था के महाकुंभ को और भी भव्य रूप देने की तैयारी है, जिसके लिए लगभग 800 हेक्टेयर की रेतीली भूमि पर एक संपूर्ण, सुव्यवस्थित और विशाल अस्थायी तंबुओं का शहर बसाया जा रहा है। करोड़ों श्रद्धालुओं के आध्यात्मिक सैलाब को संभालने की तैयारी करते हुए, प्रशासन ने सुरक्षा, सुविधा और व्यवस्था के अभूतपूर्व इंतज़ाम किए हैं। इस विशाल धार्मिक आयोजन में पौष पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक पड़ने वाले प्रमुख स्नान पर्वों पर देश-विदेश से करोड़ों आस्थावानों के उमड़ने का अनुमान है।
तंबुओं का एक नया अस्थायी शहर
मेला प्रशासन ने इस वर्ष संगम की रेती पर लगभग 800 से 1000 हेक्टेयर भूमि को समतल करवाकर, वहां एक विशाल अस्थायी शहर बसाने की योजना बनाई है। इस अस्थाई शहर को सात अलग-अलग सेक्टरों में विभाजित किया जा रहा है। यहां 4900 से अधिक धार्मिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएगी, जहां कल्पवासी और साधु-संत ठहरेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पहली बार वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। साथ ही, लगभग 3 किलोमीटर लंबा घाट तैयार किया गया है।
करोड़ों श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान
माघ मेला 3 जनवरी, 2026 (पौष पूर्णिमा) से शुरू होकर 15 फरवरी, 2026 (महाशिवरात्रि) तक चलेगा और इसकी अवधि 44 दिनों की होगी। इस दौरान दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की संभावना है।
प्रमुख स्नान पर्व
इस दौरान कई प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे, जिन पर सबसे अधिक भीड़ उमड़ने का अनुमान है।
3 जनवरी 2026 (शनिवार): पौष पूर्णिमा (मेले का शुभारंभ)
15 जनवरी 2026 (गुरुवार): मकर संक्रांति
18 जनवरी 2026 (रविवार): मौनी अमावस्या (सबसे बड़ा स्नान)
23 जनवरी 2026 (शुक्रवार): बसंत पंचमी
1 फरवरी 2026 (रविवार): माघी पूर्णिमा
15 फरवरी 2026 (रविवार): महाशिवरात्रि (मेले का समापन)
सुरक्षा और तकनीक का उपयोग
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इस बार सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों का व्यापक उपयोग किया जाएगा। भीड़ प्रबंधन के लिए हर सेक्टर में अलग से कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं। अस्थाई सड़कों, पीने के पानी की पाइपलाइन और बिजली की व्यवस्था पर तेज़ी से काम चल रहा है, ताकि आने वाले करोड़ों भक्तों को सुगम और सुरक्षित आध्यात्मिक अनुभव मिल सके।
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