Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Mar, 2024 08:55 AM
नयी दिल्ली (नवोदय टाइम्स): होली का त्योहार रंगों, उमंग और नई ऊर्जा का पर्व है। होली से एक दिन पहले यानी फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन किया
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नयी दिल्ली (नवोदय टाइम्स): होली का त्योहार रंगों, उमंग और नई ऊर्जा का पर्व है। होली से एक दिन पहले यानी फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। पूरा देश होली के रंग में सराबोर होने लगा है। इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 25 मार्च सोमवार को देशभर में होली मनाई जाएगी, इससे एक दिन पहले 24 मार्च को देश भर में लोगों ने होलिका दहन किया। इस दिन का अत्यधिक धार्मिक महत्व होता है। हर गली चौराहे पर होली दहन, होली का महत्व रंगों की भरमार, खुशियों का प्रकटीकरण और बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाने में है। रविवार को होली का दहन राजधानी के हर गली चौराहे पर किया गया। जिसमें दिन में महिलाओं ने होलिका मैया की बच्चों के साथ पूजा की और शाम को सबने होली मैया का दहन किया। कई सोसाइटी में भी होली दहन कार्यक्रम धूमधाम से मनाया।
होली दहन के बाद खाने पीने का भी कार्यक्रम रखा जाता है। सभी लोग एक साथ इस पर्व को मनाते हैं। आज सब साथ मिलकर होली खेलेंगे। आज खेली जाएगी रंगों वाली होली। कोई घर में तो कोई रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ मिलकर खेलेंगे। होली दहन की कहानी पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को होलिका से बचाया था। भगवान विष्णु की लीला से होलिका स्वयं जलकर भस्म हो गई। जिसके चलते देश भर में होली मनाई जाती है।