Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Sep, 2023 09:15 AM
महान दार्शनिक सुकरात का एक शिष्य बड़ी उलझन में था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे शादी करनी चाहिए या नहीं। उसने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, परिचितों और
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Great philosopher socrates married life: महान दार्शनिक सुकरात का एक शिष्य बड़ी उलझन में था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे शादी करनी चाहिए या नहीं। उसने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, परिचितों और बडे़-बुजुर्गों से सलाह ली। उन सबके अपने विचार थे। किसी के लिए शादी जरूरी चीज थी तो किसी के लिए एक झंझट। किसी ने कहा घर बसा लेना, इससे जीवन व्यवस्थित हो जाएगा। दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी थे, जो कहते थे कि शादी करोगे तो जीवनभर दुख पाओगे।
इतनी सारी सलाह मिलने के बाद शिष्य बड़ी दुविधा में पड़ गया कि आखिर वह करे क्या ? हारकर उसने अपने गुरु से सलाह लेने के बारे में सोचा। सुकरात का पारिवारिक जीवन बड़ा कष्टकारी था। अत: उसे लगा कि गुरु ही उसे सबसे व्यावहारिक और सही सलाह दे सकते हैं।
शिष्य सुकरात से सलाह लेने आया। सुकरात ने कहा, “तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए।”
शिष्य यह सुनकर बहुत हैरान हुआ और उसने कहा, “आपका तो पारिवारिक जीवन ठीक नहीं है और आपकी पत्नी आप से बहुत झगड़ा करती हैं फिर आप मुझको शादी करने की सलाह क्यों दे रहे हैं ?”
सुकरात यह सुनकर मुस्कुराए और कहा, “यदि तुम्हें शादी के बाद अच्छी पत्नी मिल गई तो तुम्हारा जीवन संवर जाएगा क्योंकि वह तुम्हारे जीवन में खुशियां लाएगी और उन खुशियों की बदौलत तुम सफलता की नई ऊंचाइयों को छुओगे। वहीं यदि मेरी पत्नी की तरह झगड़ालू पत्नी मिल गई तो तुम्हारे जीवन में इतनी समस्याएं हो जाएंगी कि तुम मेरी तरह दार्शनिक बन जाओगे। यानी कुल मिलाकर शादी किसी भी तरह से घाटे का सौदा नहीं है।” यह सुनकर शिष्य संतुष्ट हो गया।