Edited By Sarita Thapa,Updated: 17 May, 2025 09:25 AM

Roti Banane Ke Niyam: भारतीय संस्कृति में भोजन को देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद माना गया है और रसोई को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। हमारे पूर्वजों ने रसोई और भोजन से जुड़ी कई परंपराएं बनाई थीं, जो न सिर्फ सेहत बल्कि घर की सुख-शांति से भी...
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Roti Banane Ke Niyam: भारतीय संस्कृति में भोजन को देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद माना गया है और रसोई को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। हमारे पूर्वजों ने रसोई और भोजन से जुड़ी कई परंपराएं बनाई थीं, जो न सिर्फ सेहत बल्कि घर की सुख-शांति से भी जुड़ी होती है। वास्तु के अनुसार, रसोई घर में भोजन बनाते समय कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। खासतौर पर खाना बनाते समय या परोसते समय वास्तु से जुड़ी छोटी-छोटी बातों का ध्यान चाहिए। इन्हीं में से एक है- रोटियों को गिनकर बनाना या परोसना। तो आइए जानते हैं कि रोटियों को गिनकर क्यों नहीं बनाना चाहिए।

अतिथि का अपमान
हिंदू संस्कृति में अतिथि को भगवान के समान माना गया है। अगर रोटी को गिनकर बनाया जाए और कोई मेहमान अचानक आप के घर आ जाए तो उसे भोजन देना मुश्किल हो सकता है। यह वास्तु की दृष्टि से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और इसे अतिथि का अपमान माना जाता है।
घर में दरिद्रता का संकेत
वास्तु के अनुसार, रोटियों को गिन-गिन कर बनाने या परोसने से घर में दरिद्रता बनी रहती है। साथ ही घर के सदस्यों को नौकरी या व्यापार में नुकसान भी हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि इससे भोजन में नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है, जो खाने वाले पर असर डाल सकती है।

नकारात्मक ऊर्जा का संचार
वास्तु के अनुसार, अगर भोजन पकाते समय मन में यदि लोभ, डर या कटौती की भावना हो, तो वह नकारात्मक ऊर्जा भोजन में प्रवेश कर जाती है। माना जाता है कि ऐसा भोजन आने से घर के सदस्यों को आर्थिक और मानसिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
वास्तु के अनुसार रोटी बनाते समय क्या करें
वास्तु के अनुसार, रोटियां गिनकर बनाना घर की समृद्धि और सुख-शांति के लिए खतरे का संकेत हो सकता है। ऐसा करने से आदत दरिद्रता, कलह और मानसिक बेचैनी को जन्म दे सकती है। इसे छोड़कर खुले मन से सेवा भाव में भोजन बनाना और खिलाना चाहिए।
