Vrishabha Sankranti 2025: इस दिन सूर्य देव करेंगे वृष राशि में गोचर, जानें सही तिथि और  शुभ मुहूर्त

Edited By Updated: 06 May, 2025 08:40 AM

vrishabha sankranti 2025

ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का विशेष महत्व होता है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। वर्षभर में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं और इन्हीं में से एक है वृषभ संक्रांति।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Vrishabha Sankranti 2025: ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का विशेष महत्व होता है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। वर्षभर में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं और इन्हीं में से एक है वृषभ संक्रांति। इस दिन सूर्य देव मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करते हैं। यह खगोलीय घटना सिर्फ पंचांग और ज्योतिष के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। संक्रांति के दिन दान, स्नान, और सूर्य पूजा का विशेष महत्व होता है। यह दिन विशेष रूप से गरीबों को दान देने, पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए उत्तम माना जाता है। तो चलिए जानते हैं वर्ष 2025 में कब रखा जाएगा वृष संक्रांति का व्रत।

PunjabKesari    Vrishabha Sankranti 2025

Vrishabha Sankranti date वृषभ संक्रांति तिथि और शुभ मुहूर्त  
पंचांग के अनुसार 15 मई को सूर्य मेष से वृष राशि में गोचर करेंगे और 15 जून तक यहीं रहेंगे ।

पुण्य काल का समय- सुबह 5 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक

महा पुण्य काल- सुबह 5 बजकर 30  मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 46 मिनट तक

Auspicious yoga will be formed on Taurus Sankranti वृषभ संक्रांति पर बनेगा शुभ योग

वृषभ संक्रांति के दिन सबसे पहले शिव योग बनेगा जो सुबह 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग का निर्माण होगा।

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर के 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक।

PunjabKesari    Vrishabha Sankranti 2025

Method of worship of Vrishabha Sankranti वृष संक्रांति पूजा विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर पर स्नान करते समय पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाएं।

तांबे के लोटे में जल भरें, उसमें लाल चंदन, अक्षत, लाल फूल, गुड़ और रोली डालें।

सूर्य देव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

लाल फूल, गुड़, तिल और लाल वस्त्र अर्पित करें। आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्य अष्टकम या गायत्री मंत्र का पाठ करें।

इस दिन उपवास रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। संकल्प लें कि आज आप दान-पुण्य, संयम और सेवा करेंगे।

PunjabKesari    Vrishabha Sankranti 2025

Chant these mantras इन मंत्रों का करें जाप

ऊँ घृणि सूर्याय नम:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:

ॐ ह्रीं घृणि: सूर्य आदित्य: क्लीं ॐ

ॐ सूर्याय नम:
 

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!