Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 12:46 PM
एक विशाल खेल परिसर था। अनेक खिलाड़ी इस परिसर में हर दिन अभ्यास करते, अपने कौशल को संवारते। तीरंदाजी कोच खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग देने के लिए रोज नए प्रयोग करता। एक दिन उसने दो टीमें बनाई
एक विशाल खेल परिसर था। अनेक खिलाड़ी इस परिसर में हर दिन अभ्यास करते, अपने कौशल को संवारते। तीरंदाजी कोच खिलाडियों को ट्रेनिंग देने के लिए रोज नए प्रयोग करता। एक दिन उसने दो टीमें बनाईं। पहली टीम में उसने अच्छा निशाना लगाने वालों को रखा और दूसरी में कमजोर। सबकी आंखों पर काली पट्टी बांध दी गई और उन्हें निशाना साधने को कहा गया। अधिकतर तीरंदाजों का निशाना खाली गया। कोच ने अपनी रणनीति के अनुसार पहली टीम के सदस्यों को तो उनके अति साधारण प्रदर्शन के बारे में बताया लेकिन दूसरी टीम के तीरंदाजों को ढांढस बंधाते हुए उन्हें अच्छा निशाना लगाने की बधाई दी।
फिर सभी खिलाडियों की आंखों से पट्टी हटा दी गई और उन्हें दोबारा निशाना लगाने को कहा गया। आश्चर्य! पहली टीम का प्रदर्शन उनकी क्षमता से कहीं कमजोर रहा और दूसरी टीम ने आश्चर्यजनक सुधार दिखाते हुए बाजी जीत ली। नतीजा देख कोच के चेहरे पर मुस्कुराहट खिल आई। उसका प्रयोग सफल रहा। जीत मन की हुई, कौशल पीछे छूट गया। पहली टीम अधिक कुशाग्र होते हुए भी दूसरी टीम के कमजोर तीरंदाजों से हार गई। उसने सभी शिष्य खिलाडियों को यह बीज मंत्र दिया कि सबसे पहले अपने भीतर आत्मविश्वास का दीया जलाओ। सोच सकारात्मक रहे तो मन में आत्मविश्वास का दीप जलते देर नहीं लगती। उसी में असफलता को शांत मन से स्वीकार करने का धैर्य गुंथा है।
परिस्थितियां कैसी भी हों, यह हमारे चित पर आश्रित है कि हम जीवन में नकारात्मक सोच के खरपतवार बोएं या सकारात्मक सोच के ऊंचे फलों से लदने वाले वृक्ष लगाएं। पहले का उत्प्रेरण कुंठा, वैमनस्य, होड़, भय और दुर्भावना जैसे नैगेटिव मन में होता है तो दूसरे का उदार, प्रसन्न, स्वस्थ, आत्मविश्वास से भरे सकारात्मक मन में। वैज्ञानिक परीक्षणों से यह सिद्ध हो चुका है कि सकारात्मक सोच हमारे भीतर सुख, सुरक्षा और आनंद के भाव जागृत करने वाले जैविक रसायन उत्पन्न करती है, साथ ही शरीर की सुरक्षा प्रणाली में चार चांद लगाकर हमें अनेक प्रकार की रुग्णताओं से मुक्त रखने में सहायक साबित होती हैं। यही सकारात्मकता हमें जीवन की कठिन से कठिन स्थितियों में हिम्मत रखने और तमाम चुनौतियों पर विजयी होने की ताकत देती है।