Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Feb, 2024 07:53 AM
जापान के सम्राट यामातो के भूतपूर्व मंत्री ओ-चो-सान के परिवार के दो-तीन पीढ़ियों के लोग एक साथ रहते थे। उसके परिवार में लगभग एक हजार सदस्य
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Inspirational Context: जापान के सम्राट यामातो के भूतपूर्व मंत्री ओ-चो-सान के परिवार के दो-तीन पीढ़ियों के लोग एक साथ रहते थे। उसके परिवार में लगभग एक हजार सदस्य थे। परिवार के किसी भी सदस्य पर मुसीबत आने पर सब एक हो जाते थे। यह बात सम्राट यामातो को भी पता लगी। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि हजार व्यक्तियों का परिवार प्रेम से एक साथ रह सकता है। वह इस बात की जांच करने के लिए बिना कोई सूचना दिए ओ-चो-सान के घर जा पहुंचा। ओ-चो-सान काफी वृद्ध हो गए थे, इसलिए हमेशा घर में ही रहते थे।
औपचारिक बातें करने के बाद सम्राट यामातो ने ओ-चो-सान से पूछा, “मंत्री जी। जापान के हर एक घर में आपके परिवार की मिसाल दी जाती है। क्या आप बताएंगे कि एक हजार से अधिक व्यक्तियों वाले आपके परिवार में एकता और स्नेह संबंध किस तरह बना हुआ है ?”
ओ-चो-सान वृद्धावस्था के कारण ज्यादा बातें नहीं कर पाते थे इसलिए उन्होंने सम्राट की बात का जवाब देने के लिए अपने पोते को संकेत से कागज और कलम लाने के लिए कहा। उनका पोता तुरन्त कागज-कलम ले आया।
इसके बाद ओ-चो-सान ने अपने कांपते हाथ से कागज पर कुछ लिखा और फिर कागज सम्राट की ओर बढ़ा दिया। सम्राट ने उत्सुकतावश कागज की ओर देखा तो हैरान रह गया। ओ-चो-सान ने पूरे कागज पर एक ही शब्द लिखा हुआ था- सहनशीलता।
सम्राट को आश्चर्यचकित देख ओ-चो-सान ने कहा, “मेरे परिवार की खुशी और एकता का रहस्य बस इसी एक शब्द में छिपा है। जहां सहनशीलता है वहां क्रोध नहीं पनपता। जहां क्रोध नहीं होगा वहां टकराव नहीं होगा। टकराव नहीं होगा तो बिखराव भी नहीं होगा।”
राजा को अपना उत्तर मिल चुका था।