Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Aug, 2025 07:41 AM

Kailash Kund Yatra 2025: जिला डोडा की ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कैलाश कुंड यात्रा इस वर्ष पूरे पारंपरिक वैभव के साथ नहीं निकलेगी। प्रशासन ने सुरक्षा और मौसम की गंभीर चुनौतियों को देखते हुए यात्रा को सीमित दायरे में आयोजित करने का...
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Kailash Kund Yatra 2025: जिला डोडा की ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कैलाश कुंड यात्रा इस वर्ष पूरे पारंपरिक वैभव के साथ नहीं निकलेगी। प्रशासन ने सुरक्षा और मौसम की गंभीर चुनौतियों को देखते हुए यात्रा को सीमित दायरे में आयोजित करने का निर्णय लिया है।
इस बार यात्रा में सिर्फ चेले, बजंतरे और सहायक स्टाफ ही भाग ले सकेंगे। आम श्रद्धालुओं महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और बुजुर्गों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम किश्तवाड़ और कठुआ में हाल ही में हुई बादल फटने की घटनाओं और मौसम विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
सख्त पंजीकरण व्यवस्था लागू की गई है। हर यात्री को पहचान कार्ड जारी किया जाएगा और उसकी जांच हर पड़ाव पर की जाएगी। बिना पंजीकरण या कार्ड के किसी को आगे नहीं जाने दिया जाएगा।
यात्रा 20 अगस्त को भद्रवाह और भाला से शुरू हो गई थी और 21 अगस्त को कैलाश कुंड पहुंचेगी। इसके साथ ही 22 अगस्त की सुबह वापसी होगी। सुंगली और नालठी से चलने वाले यात्रियों का पंजीकरण हाइन और भाला से जाने वालों का पंजीकरण दराफड़ा मंदिर में किया जाएगा।
इस बार छत्रगला मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यह रास्ता कठुआ और ऊधमपुर से कैलाश कुंड पहुंचने के लिए पारंपरिक ट्रेक रहा है लेकिन अत्यधिक कठिनाई, पैदल दूरी और आपात सुविधाओं के अभाव के कारण अब इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। डोडा, कठुआ और ऊधमपुर के प्रशासन ने एकजुट होकर यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उठाया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।