Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Aug, 2025 08:11 AM
Kajari Teej 2025: कजरी तीज एक प्रमुख हिन्दू व्रत और त्योहार है जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को आता है।
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Kajari Teej 2025: कजरी तीज एक प्रमुख हिन्दू व्रत और त्योहार है जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इसे कजली तीज या कजरी तीज भी कहा जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन पति की लंबी उम्र और पारिवारिक सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं, वहीं अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना करती हैं। इस दिन माता पार्वती, भगवान शिव और नीमड़ी देवी की पूजा की जाती है। पूजा की विधि और पूजन सामग्री का सही ज्ञान होना आवश्यक है ताकि विधिवत पूजन कर व्रत का पूर्ण फल प्राप्त किया जा सके।
list of Puja material पूजन सामग्री की पूरी सूची
गोबर या मिट्टी – तालाब/झूला बनाने के लिए
नीम की टहनी – नीमड़ी माता के प्रतीक रूप में
कच्चा दूध, जल – तालाब में डालने के लिए
दीपक और धूप – आरती और पूजन के लिए
रोली, हल्दी, चंदन, अक्षत– तिलक और पूजन में
काजल, मेहंदी, सिंदूर, कंघी, चूड़ियाँ, बिंदी, काजल – सोलह श्रृंगार की वस्तुएं
सत्तू – मुख्य भोग सामग्री
फल, मिठाई, नारियल – भोग अर्पण हेतु
नींबू, ककड़ी, गेहूं के दाने – परछाई दर्शन के लिए
सुपारी, सिक्का, मौली (कलावा) – पूजा व नैवेद्य में
पानी का लोटा, थाली, कलश – अभिषेक और अर्घ्य के लिए

Method of worship of Kajari Teej कजरी तीज की पूजा विधि-
व्रत वाले दिन जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें।
इसके बाद महादेव की धर्म पत्नी मां पार्वती का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा के लिए थाली तैयार कर और उसमें रोली, चंदन, अक्षत, दीपक, धूप, फल, मिठाई रखें।
फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
महादेव और मां गौरी को पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें।
इसके बाद कजरी तीज की कथा पढ़ें या सुनें। कथा के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करें।
