Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Sep, 2025 06:30 AM

Kalashtami september 2025: कालाष्टमी (जिसे भैरव अष्टमी भी कहा जाता है) भगवान काल भैरव की आराधना का विशेष दिन है। यह हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आती है। मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन भगवान शिव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था।
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Kalashtami september 2025: कालाष्टमी (जिसे भैरव अष्टमी भी कहा जाता है) भगवान काल भैरव की आराधना का विशेष दिन है। यह हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आती है। मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन भगवान शिव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। भैरव को समय (काल) के रक्षक और धर्म के पालनकर्ता माना जाता है। पूजा करने से साधक को भय, दरिद्रता, रोग और शत्रु से मुक्ति मिलती है। भैरव जी के वाहन कुत्ते को प्रसन्न करना भी शुभ फलदायी माना गया है। इस दिन भैरव साधना विशेष सिद्धि देने वाली मानी जाती है।

Kalashtami Vrat Shubh Muhurat कालाष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त
14 सितंबर की सुबह 05:04 पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ होगा। 5 सितंबर की आधी रात 03:06 पर अष्टमी तिथि का समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार 14 सितंबर को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। व्रत-पूजा और अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे।

Kalashtami Vrat Shubh Yog कालाष्टमी व्रत शुभ योग
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर सिद्धि योग का संयोग बनेगा। इसके साथ ही रवि और शिववास योग का भी निर्माण होने जा रहा है। इन शुभ योगों में काल भैरव देव की पूजा करने से पूरी होगी हर मनोकामना। शिववास योग का संयोग दिन भर रहेगा। 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर इसका विश्राम होगा।

Panchang पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट पर
चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर
चंद्रास्त- दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 19 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक
