कन्या राशि की असली पहचान | क्या कहते हैं ग्रह, नक्षत्र और भाग्य

Edited By Updated: 16 Jun, 2025 07:23 AM

Kanya Rashi: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द K,S,P से शुरू होता है और हिंदी में आपके नाम का अक्षर पहला अक्षर टो, पी, पु, श, न, ठ, पे, पो है, तो कन्या राशि के जातकों के स्वभाव की इस राशि के स्वामी बुध हैं और बुध का मतलब है इंटेलिजेंस, बुद्धि और बुध...

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Kanya Rashi: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द K,S,P से शुरू होता है और हिंदी में आपके नाम का अक्षर पहला अक्षर टो, पी, पु, श, न, ठ, पे, पो है, तो कन्या राशि के जातकों के स्वभाव की इस राशि के स्वामी बुध हैं और बुध का मतलब है इंटेलिजेंस, बुद्धि और बुध विवेक। बुध के प्रभाव से ऐसे लोग दूसरों के मकसद को आसानी से भांप जाते हैं और बहुत ही कैलकुलेटिव किस्म के होते हैं। बुध कि कुमार ग्रह है लिहाजा यह जातक दिखने में काफी यंग लगते हैं, जो कन्या राशि है इसका जातक 50 साल की आयु में भी आपको यंग ही नजर आएगा और इन पर बुढ़ापा जल्दी प्रभाव नहीं डालता यानी उम्र का असर इन पर अन्य जातकों के मुकाबले थोड़ा कम होता है। बुध कला का कारक ग्रह है लिहाजा यह लोग कला प्रेमी भी होते हैं। इन्हें संगीत और नृत्य बहुत पसंद होता है। इस राशि के जो सिंगल लोग है सिंबल है एक लड़की के चित्र के रूप में है। इस राशि के जातक शर्मीले होते हैं और अपनी फीलिंग्स को ईज़ली एक्सप्रेस नहीं कर पाते। कन्या राशि क्योंकि सोम्य राशि है लिहाजा इस राशि के लोग स्वभाव से काफी विनम्र होते हैं। मृदु भाषी होते हैं और मीठा बोलने वाले होते हैं। यह लोग सच्चे दोस्त साबित हो सकते हैं और दोस्ती निभाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं।

कन्या राशि के जातक काफी हद तक बुद्धिमान होते हैं और गलत कामों से खुद को बहुत दूर रखते हैं। यह लोग बहुत सोच समझ कर दोस्ती करते हैं। यह लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और कन्या राशि क्योंकि द दिव्य स्वभाव राशि है लिहाजा इन लोगों की सोच वह बहुत तेजी के साथ बदलती है। इसी कारण कई बार यह जातक अपनी एक बात पर टिककर नहीं रहते यानी कि स्थिर नहीं रह पाते और लाइफ में जो अहम डिसीजंस हैं उनके समय में भी थोड़े से कंफ्यूज हो जाते हैं।  ड्यूल नेचर होना सबसे बड़ी कमजोरी वह साबित होती है क्योंकि अपनी बात पर न टिकने के कारण कई बार इनके दोस्त जो है वह इनसे नाराज हो जाते हैं और इनका जो रिलेशनशिप है कई बार इसी कारण खतरे में भी आ जाता है। कन्या राशि वैश्य राशि है लिहाजा यह जातक बहुत अच्छे ट्रेडर और कारोबारी साबित होते हैं। इनका बिजनेस सेंस वह बहुत अच्छा होता है। इस राशि की दिशा वह दक्षिण है लिहाजा इस राशि के जातक जितने भी हैं उनको दक्षिण दिशा का घर और दक्षिण दिशा की यात्रा खूब रास आती है यानी कि इन एरियाज में इन्हें काफी फायदा होता है। कन्या राशि कि दीपाव वाली राशि है यानी कि यह दिन में एक्टिव होने वाली राशि है। कन्या राशि के जितने भी जातक हैं वह सूर्य उदय के दौरान इनकी बॉडी और माइंड थोड़ा सा ज़्यादा एक्टिव रहता है।

करियर- पैसे और करियर की कन्या राशि के जातक वह सूर्य के उत्तर फागग्नी नक्षत्र के दूसरे तीसरे चौथे चरण में चंद्रमा के हस्ता नक्षत्र में और मंगल के चित्रा नक्षत्र के पहले दो चरणों में पैदा होते हैं। सूर्य के नक्षत्र में पैदा हुए कन्या राशि के जातकों को करियर की शुरुआत के दौरान राहु की महादशा मिलती है और गुरु की दशा में इनका करियर  शिखर पर जाता है। उस समय इनकी उम्र करीब 40 साल के आसपास आ जाती है यानी कि 40 को पार कर जाते हैं और उन्हें खूब तरक्की मिलती है लेकिन यदि जन्म चित्रा नक्षत्र में हो तो करियर की शुरुआत ही गुरु की दशा में होती है और 35 से 40 साल की उम्र आते-आते इन्हें शनि की महादशा मिलती है। शनि इनकी कुंडली में पांचवें भाव का स्वामी होकर अच्छे फल देता है और इन्हें जीवन में नए मुकाम पर ले जाता है। करियर के दौरान गुरु और शनि के उपाय ज़रूर करने चाहिए क्योंकि गुरु 16 साल और शनि 19 साल तक करियर को प्रभावित करते हैं और जिंदगी में कितना धन आएगा और कितनी प्रतिष्ठा मिलेगी और कितनी तरक्की मिलेगी यह बात कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है। गुरु इनके लिए लग्न के बुध इनके लिए लग्न के साथ साथ-साथ कारोबार वाले भाव के भी स्वामी होते हैं और चंद्रमा इनके लिए आय स्थान और शुक्र धन भाव के स्वामी हो जाते हैं लिहाजा जीवन में धन कमाने के लिए चंद्रमा और शुक्र की मजबूती पर इन्हें जरूर काम करना चाहिए।

रिलेशनशिप- इनकी उन राशियों के साथ ज्यादा बनती है जिनके स्वामी शुक्र हैं शनि है या बुध है यानी कि वृषभ राशि तुला राशि मकर राशि मिथुन राशि और कुंभ राशि के जातकों के साथ इनकी अच्छी अंडरस्टैंडिंग हो सकती है। कन्या राशि के जातकों के सातवें भाव में यानी कि शादी वाले भाव में मीन राशि आ जाती है लिहाज़ा इनका पार्टनर गुरु से प्रभावित होता है और इनकी तरह सौम्य और अच्छे स्वभाव का होता है और इंटेलिजेंट भी बहुत होता है। पार्टनर के उत्तर दिशा में मिलने के आसार  वह ज्यादा होते हैं।

हेल्थ- बुध की जो राशि है यह होने के कारण इन्हें अक्सर डाइजेशन से संबंधित परेशानी होती है क्योंकि यह पृथ्वी तत्व की राशि है, तो पृथ्वी तत्व से संबंधित जो समस्या है इन्हें टॉन्सिल डेप्थिया पायरिया मुंह के जो जैसे प्रॉब्लम्स है वैसे रोग इन्हें ज्यादा जाते हैं। इससे बचने के लिए इन्हें सूर्य नमस्कार की एक्सरसाइज के अलावा सूर्य को जल देना चाहिए और ओम भास्कराय नमः का जप करना चाहिए।

उपाय- कन्या राशि के जातक के लिए शुक्र जो है वह भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं। जबकि शनि पंचम भाव के स्वामी होते हैं। अपने राशि स्वामी बुध के स्टोन पन्ना के अलावा यह जातक शुक्र का हीरा और शनि का नीलम धारण कर सकते हैं। लेकिन कोई भी स्टोन धारण करने से पहले यह सुनिश्चित जरूर करना चाहिए कि जिस ग्रह का  स्टोन धारण कर रहे है। वह कुंडली में या तो केंद्र भाव में हो या त्रिकोण में हो या 11वें भाव में हो। इसके अलावा कोई भी ग्रह कहीं पर भी बैठा है उसका स्टोन धारण नहीं करना चाहिए। उसके खराब परिणाम देखने को मिल सकते हैं। शनि की उपाय के तौर पर आप ऐसे लोगों की सेवा कर सकते हैं जो अंडर प्रिविलेज हैं। इसके अलावा मूंग की हरी दाल का डोनेशन किया जा सकता है और हरा कपड़ा डोनेट किया जा सकता है। साथ ही चीनी, घी या कपूर का दान किया जा सकता है। कन्या राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। चार मुखी रुद्राक्ष का संबंध ब्रह्मा जी से है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति  ब्रह्मा जी की तरह ही निर्माण कार्यों में लीन हो जाता है और उसी दिशा में कार्य करने लगता है। यह रुद्राक्ष धारण करने से धन काम धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नरेश कुमार
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