Lalita Saptami: आज है श्रीराधाकृष्ण की प्रधान सखी ललिता देवी का जन्मदिन

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Sep, 2023 07:20 AM

lalita saptami

हिंदू संस्कृति में त्योहारों व पर्वों का बहुत महत्व है। प्रत्येक पर्व व त्यौहार के साथ कोई न कोई आस्था जरूर जुड़ी होती है। यही वजह है कि धर्म पर यकीन रखने वाले लोग बड़े उत्साह से इन त्योहारों को मनाते हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Lalita Saptami 2023: हिंदू संस्कृति में त्योहारों व पर्वों का बहुत महत्व है। प्रत्येक पर्व व त्यौहार के साथ कोई न कोई आस्था जरूर जुड़ी होती है। यही वजह है कि धर्म पर यकीन रखने वाले लोग बड़े उत्साह से इन त्योहारों को मनाते हैं। आज 22 सितंबर को ललिता सप्तमी है और भक्तजन इस दिन श्रीराधाकृष्ण के साथ ललिता देवी की पूजा भी करते हैं।

PunjabKesari Lalita Saptami

अब यह उत्सुकता होना स्वाभाविक ही है कि यह ललिता देवी कौन हैं और इनकी पूजा श्रीराधाकृष्ण के साथ क्यों होती है ? पाठकों की जानकारी के लिए यह बताना चाहेंगे कि ललिता देवी भगवान श्री कृष्ण व राधा रानी की 8 सबसे प्रिय गोपियों में से एक हैं। इन गोपियों के समूह को अष्ट सखियों के रूप में भी जाना गया है। जिनमें ललिता देवी के अलावा विशाखा, चित्रलेखा, चंपक, लता, तुंग, विद्या, इंदुलेखा, रंगा देवी और सुदेवी शामिल हैं। कहा जाता है कि सभी आठों गोपियां श्रीराधाकृष्ण के लिए हमेशा अपना दिव्य प्रेम प्रदर्शित करती थीं। ललिता देवी को राधारानी की सबसे प्रिय व वफादार सखी का गौरव हासिल है।

PunjabKesari Lalita Saptami

Significance of Lalita Saptami: ललिता देवी की श्रीराधाकृष्ण के प्रति भक्ति और उन दोनों के प्रति दिव्य प्रेम व सेवा भाव के दृष्टिगत राधा अष्टमी से 1 दिन पहले और जन्माष्टमी के 14 दिन बाद ललिता सप्तमी मनाई जाती है। भक्तजन इस दिन श्रीराधाकृष्ण के साथ ललिता देवी की पूजा करते हैं। यह पर्व भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है इसलिए इसे ललिता सप्तमी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि श्रीराधाकृष्ण के दिव्य प्रेम में जुनून की हद तक समर्पित ललिता देवी का जन्म करेहला गांव में हुआ था, जिन्हें बाद में उनके पिता उकगांव ले आए। कवियों और चित्रकारों ने ललिता देवी को पीले रूप में मोर की तरह कपड़े पहने दिखाया है।

PunjabKesari Lalita Saptami

ऐसी मान्यता है कि अभी भी उकगांव में ललिता देवी द्वारा श्रीराधाकृष्ण की सेवा के लिए इस्तेमाल किए गए उनके कमल के पैरों और बर्तनों के निशान दिखाई देते हैं। यह स्थान ब्रजभूमि में है और यहां पर सर्वाधिक उल्लास के साथ ललिता सप्तमी मनाई जाती है। ऐसी भी आस्था है कि भगवान श्रीराधाकृष्ण के साथ ललिता देवी की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें खुशहाली का भरपूर आशीर्वाद मिलता है। देश के कई हिस्सों में ललिता सप्तमी का त्योहार बड़े चाव के साथ मनाया जाता है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

PunjabKesari Lalita Saptami

 

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!