Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jan, 2022 08:29 AM
19 जनवरी 2022 से शनिदेव अस्त हो चुके हैं, जो 21 फ़रवरी 2022 को दोबारा उदय होंगे
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Laxmi Narayan Yoga: 19 जनवरी 2022 से शनिदेव अस्त हो चुके हैं, जो 21 फ़रवरी 2022 को दोबारा उदय होंगे। शनिदेव काल पुरुष की कुंडली के अनुसार दशम और एकादश भाव के मालिक हैं और शुक्र के सप्तम भाव में उच्च के माने जाते हैं। ये तीनों घर व्यापार, कर्म और आय के कारक हैं, जो पत्नी का कारक है, जिसे लक्ष्मी का रुप भी मानते हैं।
Effects and Benefits of Laxmi Narayan Yoga: शनि अस्त होने से कुछ कामकाज में विलंब होता है और मन अशांत भी रहता है। ऐसे में जिनकी कुंडली में शनिदेव पहले से ही अस्त हैं और शनिदेव चंद्र के साथ या सूर्य के साथ या चंद्र और सूर्य के साथ मेष, सिंह और वृश्चिक राशि में विराजमान हैं या छः, आठ और बाहरवें घर में बैठे हैं वो इस महीने में नए कामकाज से बचें और अपनी बुद्धि पर नियंत्रण रखें तो लाभ होगा ।
Laxmi narayan yoga astrology: 29 जनवरी 2022 से बुद्ध होंगे उदय और शुक्र होंगे मार्गी तब बनेगा लक्ष्मी नारायण योग। दोनों ग्रह शनिदेव के परम मित्र हैं तो होंगे शुभ कार्य। जिनकी कुंडली में शुक्र और बुध की युति है तो उनके विवाह होंगे। धन लाभ, व्यापार में वृद्धि और नौकरी में उन्नति के बनेंगे योग ।
जिनकी कुंडली में बुध और शुक्र की युति है वो ये उपाय करें- 4 बुधवार को गाय को पालक खिलाएं।
5 पान के पत्त कच्चे दूध से धोकर गणेश जी को अर्पित करें।
4 शुक्रवार को मां लक्ष्मी को गुलाब के फ़ूल और सफ़ेद मिठाई चढ़ाएं।
मीठा दही शिवलिंग पर चढ़ाएं।
आशू मल्होत्रा
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