सूर्य अर्चना के लिए मकर संक्रांति के दिन की और सारे माघ महीने की खास उपयोगिता है। त्यौहार धार्मिक आस्था के जीवंत प्रतीक होते हैं। इस पर्व पर दो बातें अत्यधिक उपयोगी होती हैं। प्रथम गंगा स्नान और द्वितीय दान।
2021 Makar Sankranti: सूर्य अर्चना के लिए मकर संक्रांति के दिन की और सारे माघ महीने की खास उपयोगिता है। त्यौहार धार्मिक आस्था के जीवंत प्रतीक होते हैं। इस पर्व पर दो बातें अत्यधिक उपयोगी होती हैं। प्रथम गंगा स्नान और द्वितीय दान।

What is the significance of Makara Sankranti: कहते हैं ‘राजा हर्षवद्र्धन’ प्रत्येक वर्ष इसी दिन अपनी महारानी के साथ गंगा तट पर जाते तथा अपना सब दान कर देते थे। इस दिन इलाहाबाद में ‘संगम’ पश्चिम बंगाल में ‘गंगा सागर’ तथा हरिद्वार में ‘हर की पौड़ी’ पर स्नान करने का विशेष महत्व है।

Makar Sankranti Par Kya Daan kare: शिव रहस्य शास्त्र में मकर संक्रांति पर तिल और सरसों के दान का उल्लेख विस्तार से मिलता है। अंगारों पर तिल चटकाना, तिल तथा तिल से बनी वस्तुएं दान करना इस अवसर पर शुभ माना जाता है। कई जगह इस पर्व को ‘तिल संक्रांति’ भी कहा जाता है। दाल और आटे के साथ काले तिल के लड्डुओं पर दक्षिणा रख कर ब्राह्मणों को दी जाती है। इसके साथ ही दाल और चावल की खिचड़ी में सब्जी पैसा तथा तिल के लड्डू डाल कर भिक्षुओं को भी दान देने का रिवाज है।

Makar Sankranti Ke Daan: मकर संक्रांति के दिन तुला दान और शैय्या दान दोनों को ही अक्षय फल देने वाला बताया गया है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को ‘मन्वंतर तिथि’ कहते हैं। उस दिन किया गया दान भी अक्षय होता है।

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