Mangla gauri vrat : मांगलिक दोष से मिलेगी मुक्ति, कुंवारी विवाहिता करें ये पूजा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jul, 2023 07:40 AM

mangalagauri vrat today

शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में मंगलवार के दिन ''मंगला गौरी व्रत'' का विधान बताया गया है। धार्मिक मत अनुसार इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mangla gauri vrat 2023: शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में मंगलवार के दिन ''मंगला गौरी व्रत'' का विधान बताया गया है। धार्मिक मत अनुसार इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अत: इस दिन माता मंगला गौरी का पूजन करके मंगला गौरी की कथा सुनना फलादायी माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सावण मास में मंगलवार के दिन किए जाने वाले उपाय और पूजन मनुष्य के सुख-सौभाग्य में वृद्धि करते हैं। कुंवारी कन्याएं भावी वर हेतु तथा शादीशुदा महिलाएं सुखी दांपत्य जीवन हेतु खास तौर पर इस दिन पूजा उपाय और अनुष्ठान करती ही हैं। सौभाग्य से जुडे़ होने की वजह से नवविवाहित दुल्हनें भी आदरपूर्वक एवं आत्मीयता से इस दिन शिव गौरी और हनुमान जी की पूजा उपासना करती हैं।

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Mangla gauri vrat: व्रत कथा के साथ पढ़ें महत्वपूर्ण जानकारी

सौभाग्य प्राप्ति उपाय: नित्य कर्मों से निवृत्त होकर लाल रंग के कोरे अथवा साफ सुथरे कपड़े पहनें। आज एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन शिव पार्वती और हनुमान जी की आराधना करें। एक चौंकी पर सफेद फिर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान शंकर, मां मंगला गौरी और हनुमान जी का चित्र स्थापित करें। गेहूं के आटे से बनाया हुआ सोलह रुई की बत्तियों वाला एक घी का दीपक प्रज्वलित रहें। यह मंत्र बोलते हुए शिव, मंगला गौरी और हनुमान जी का षोडशोपचार पूजन करें।

मंत्र: ''कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्।।

षोडशोपचार पूजन हेतु सामग्री: शुद्ध जल, गंगाजल, धूप, दीपक, सिंदूर, कुमकुम (ध्यान रहे के भगवान शंकर पर कुमकुम कदापि न चढ़ाएं इसकी जगह लाल चंदन चढ़ाएं), आसान, मौली, यज्ञोपवीत, वस्त्र, उपवस्त्र, अक्षत, अबीर, गुलाल, मूंग, मसूर, रक्षा, कपूर, घी, दही, दूब, चीनी, पुष्प, पान, सुपारी, रूई, इत्र प्रसाद इत्यादि इनमें से जो श्रद्धापूर्वक उपलब्ध है वो चढ़ाएं।

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पूजन के पश्चात उनको शिव, मंगलागौरी और हनुमान जी को सभी वस्तुएं सोलह की संख्या में चढ़ाएं। मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग क‍ी सामग्री, चुडि़यां तथा मिठाई इत्यादि। इसके अलावा 5 प्रकार के सूखे मेवे (जैसे काजू, पिस्ता, किशमिश, मखाने, बादाम) चढ़ाएं। इसके बाद 7 प्रकार के अनाज (गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर) चढ़ाएं। पूजन के बाद इन तीनों मंत्रों का रुद्राक्ष की माला से एक-एक माला जाप करें।

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शिव मंत्र: ॐ ह्रं कामदाय वर्प्रियाय नमः शिवाय।
 
मंगलागौरी मंत्र: ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
 
हनुमान मंत्र: क्रौं बीजात्मा नयनयोः पातु मां वानरेश्वरः हं हनुमते नमः

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मंत्र जाप पूरा होने के बाद शिव-मंगलागौरी की कथा सुने तथा शिव, मंगलागौरी और हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं। भोग लगाते समय आंखें बंद रखें तथा भोग लगे हुए गुड़ को किसी सफेद गाय को खिलाएं। इस उपाय से निश्चित विवाह बाधा से मुक्ति मिलेगी और दांपत्य में प्रेम बढ़ेगा। अविवाहित व्यक्तियों के विवाह के शीघ्र योग बनेंगे तथा जो लोग मांगलिक दोष से पीड़ित हैं उन्हें निश्चित लाभ होगा। 

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