Edited By Sarita Thapa,Updated: 12 Dec, 2025 02:30 PM

हनुमान अष्टमी का पावन उत्सव मुख्य रूप से मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर, श्रद्धालु उपवास रखते हैं और बल, बुद्धि, विद्या के दाता भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।
Hanuman Ashtami 2025: हनुमान अष्टमी का पावन उत्सव मुख्य रूप से मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर, श्रद्धालु उपवास रखते हैं और बल, बुद्धि, विद्या के दाता भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत और पूजन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें बजरंगबली की विशेष और असीम कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं कि हनुमान अष्टमी व्रत के अनगिनत लाभ और उपाय के बारे में-
हनुमान अष्टमी व्रत के अनगिनत लाभ
भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति
हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। उनके व्रत से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां, भूत-प्रेत बाधाएं और काला जादू दूर होता है।
ग्रह दोष निवारण
जिन जातकों की कुंडली में शनि, मंगल या राहु जैसे क्रूर ग्रहों का अशुभ प्रभाव होता है, यह व्रत उन दोषों को शांत करने में अत्यंत सहायक होता है।
शक्ति और आत्मविश्वास
हनुमान जी बल, बुद्धि और विद्या के दाता हैं। यह व्रत रखने वाले में आत्मविश्वास, साहस और शारीरिक शक्ति का संचार होता है।
रोग और भय से छुटकारा
निरंतर रोगों या अज्ञात भय से पीड़ित व्यक्तियों को इस व्रत से स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति मिलती है।
कर्ज से मुक्ति
हनुमान जी की पूजा से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और कर्ज से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

बजरंगबली की महा कृपा पाने के विशेष उपाय
सिंदूर का चोला अर्पित करें
हनुमान जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। इस शुभ दिन पर उन्हें शुद्ध घी या चमेली के तेल में मिलाकर सिंदूर का चोला (लेप) अवश्य अर्पित करें। यह उपाय दुर्भाग्य को दूर कर सौभाग्य लाता है।
राम नाम का जाप
हनुमान जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हैं। इसलिए हनुमान अष्टमी के दिन "श्री राम जय राम जय जय राम" मंत्र का 108 बार या उससे अधिक जाप करें। जहाँ राम का नाम होता है, वहां हनुमान जी स्वयं उपस्थित होते हैं।
बूंदी के लड्डू का भोग
इस दिन हनुमान जी को बूंदी के लड्डू या बेसन के लड्डू का भोग लगाना सबसे शुभ माना जाता है। भोग लगाने के बाद इसे बच्चों और भक्तों में बांट दें।
हनुमान चालीसा का पाठ
शुभ मुहूर्त में हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करें। ऐसा करने से जीवन के बड़े से बड़े संकटों से मुक्ति मिलती है और महाकाल भैरव की कृपा बनी रहती है।

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