Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jan, 2025 06:46 AM

Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी या मौनी अमावस्या कहा जाता है। यह वह समय है, जब चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता। मौनी अमावस्या का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है। इस...
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Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी या मौनी अमावस्या कहा जाता है। यह वह समय है, जब चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता। मौनी अमावस्या का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करना बहुत शुभ होता है। सबसे महत्वपूर्ण मौन व्रत का पालन करना है और आत्म-प्राप्ति पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना है। इसके अलावा शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपको बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें।
What to do on the day of Mauni Amavasya मौनी अमावस्या के दिन क्या करें
इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करें, संभव न हो तो घर में ही स्नान करते समय गंगा जल मिला कर नहा लें।
स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और इस बात का खास ध्यान रखें कि स्नान करने से पहले मौन ही रहें।
मौनी अमावस्या के दिन स्त्रियों को सौभाग्य बढ़ाने के लिए पीपल के नीचे बैठकर विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन दान-पुण्य का बहुत महत्व है। अपनी क्षमतानुसार गरीब और जरूरतमंदों को दान करें और उनकी मदद करें।
मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ होता है।
मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखें, ऐसा करने से शुभ फलों और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

What not to do on the day of Mauni Amavasya मौनी अमावस्या के दिन क्या न करें
मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें। जितना हो सके इस दिन मौन रहने की कोशिश करें।
किसी को अपशब्द या कड़वे वचन न बोलें और झूठ बोलने से बचें। साथ ही घर में कलह का माहौल न बनने दें।
शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और तेल से मालिश भी नहीं करनी चाहिए।
व्रत रखने वालों को किसी भी तरह का श्रृंगार नहीं करना चाहिए।
देर तक सोने से बचना चाहिए।
किसी भी सुनसान जगह, कब्रिस्तान, श्मशान घाट के आसपास न जाएं।
