Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Jun, 2025 05:01 PM
आज बात करेंगे मेटल्स की। जब मेटल्स की बात करेंगे, तो सिर्फ बेस मेटल्स की यहां पर बात होगी और बेस मेटल्स में मेटल निफ्टी में जो लिस्टेड हैं शेयर या बी.एस बी.एस.ई के मेटल इंडेक्स में जो लिस्टेड शेयर्स हैं उनके बारे में बात होगी।
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Metal Nifty: आज बात करेंगे मेटल्स की। जब मेटल्स की बात करेंगे, तो सिर्फ बेस मेटल्स की यहां पर बात होगी और बेस मेटल्स में मेटल निफ्टी में जो लिस्टेड हैं शेयर या बी.एस बी.एस.ई के मेटल इंडेक्स में जो लिस्टेड शेयर्स हैं उनके बारे में बात होगी। इसको पढ़ने आपको थोड़ा सा आईडिया हो जाएगा कि आने वाले समय में मेटल के शेयरों के लिए साइकिल कब आने वाला है ?
हर साल मेटल का एक साइकिल आता है और उस साइकिल के दौरान ही मेटल के शेयर मूव करते हैं। कुछ शेयर तो 140 दिन के साइकिल में दो गुना हो जाते हैं। कुछ में 50% का उछाल आता है, कुछ में 25% का उछाल आता है। 10 साल के इस मेटल निफ्टी के मूवमेंट में और सैटर्न के मूवमेंट में 7 साल ऐसे रहे जिसमें मेटल निफ्टी ने जबरदस्त रिटर्न दिया। 3 साल ऐसे रहे जिसमें मेटल निफ्टी नेगेटिव था। उसमें से अभी एक साल ऐसा था जिसमें नेगेटिविटी सिर्फ 2.5% की थी। लगभग 2.7%, 2.8% मेटल निफ्टी नेगेटिव था। बाकी के वर्षों में मेटल निफ्टी ने सैटर्न के इस मूवमेंट के दौरान बहुत अच्छे रिटर्न दिए। सैटर्न और राहु यह दोनों ही बेस मेटल को रिप्रेजेंट करते हैं। जब हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं, उसमें यह बताया गया है कि ये दोनों ही ग्रह वो सैटर्न को मेटल को रिप्रेजेंट करते हैं। बेस मेटल्स की यहां पर बात हो रही है। जब- जब सैटर्न वक्री होते हैं, इनका चेष्टा बल बढ़ जाता है। तो चेष्टा बल जब बढ़ता है तो ये उन चीजों से संबंधित चीज जो वस्तुओं में तेजी आती है जिनके ये कारक होते हैं। जैसे सैटर्न बेस मेटल्स के ही कारक हैं। तो सैटर्न का इंडिविजुअल इंपैक्ट आपकी राशि के ऊपर पड़ता है ।
साल 2014 की मूवमेंट-
2014 में सैटर्न की पोजीशन थी लिब्रा में। लिब्रा में सैटर्न मूव कर रहे थे। यानी कि तुला में तुला उनकी अपनी राशि है। गुरु के विशाखा नक्षत्र में उनका मूवमेंट था सैटर्न का और सैटर्न के ऊपर गुरु की दृष्टि भी आ रही थी। तो हुआ क्या कि मेटल निफ्टी उस समय बहुत उछल गया। 2 मार्च 2014 को सैटर्न वक्री हुए। उस समय मेटल निफ्टी का इंडेक्स था 2160 के ऊपर। 21 जुलाई 2014 तक सैटर्न वक्री रहे और जिस दिन यह लास्ट डे था, वक्री होने का उस दिन मेटल इंडेक्स का वैल्यू था, 3341 यानी कि 33441 और अब इसका ग्रोथ देखिए लगभग 54.43% का ग्रोथ ये एक साल का इत्तेफाक हो सकता है। हो सकता है कि एक साल ऐसा हो लेकिन यदि 10 में से 7 साल ऐसा हो रहा है कि मेटल निफ्टी आपका जंप कर रहा है।
साल 2015 की मूवमेंट-
इस दौरान शनि वृश्चिक में थे। स्कॉर्पियो मंगल की राशि है, यह उसके मित्र की राशि नहीं है और ये अनुराधा नक्षत्र में थे। यह 14 मार्च 2015 को वक्री हुए थे। उस समय मेटल निफ्टी का वैल्यू था 2353 12 अगस्त तक यह वक्री रहे और 2 अगस्त को जब वक्री अवस्था खत्म हुई तो मेटल निफ्टी था 2128 पर। अब 2128 का मेटल निफ्टी 2353 का मेटल निफ्टी यानी कि 11% की गिरावट आ गई इसमें। 2015 में सैटर्न की पोजीशन अच्छी नहीं थी। हालांकि अपने नक्षत्र में थे लेकिन चूंकि मंगल की राशि में थे, तो यहां पर हमें माइनस ग्रोथ देखने को मिली। यह 11% की गिरावट थी।
साल 2016 की मूवमेंट-
2016 में शनि ज्येष्ठा नक्षत्र में थे, स्कार्पियो राशि में थे। सैटर्न क्योंकि बुध के नक्षत्र में थे। बुध ट्रेड के कारक होते हैं। उस साल 25 मार्च को निफ्टी का जो वैल्यू था जिस दिन वक्री हुए 1853 था। 13 अगस्त को जब यह मार्गी हुए तो इसका वैल्यू था 2510। यानी कि सैटर्न जब बुध की राशि में थे यानी कि ट्रेड का जो कारक होता है, बुध के नक्षत्र में थे, जो ट्रेड का कारक होता है, उसके नक्षत्र में जब आए तो सैटर्न से संबंधित मेटल्स में तेजी देखने को मिली और मेटल इंडेक्स इस साल में करीब 29% उछल गया। 28.82 या टोटल इसका एग्जैक्ट वैल्यू करीब 29% उछल गया।
साल 2017 की मूवमेंट-
2017 में जो शनि थे, वह धनु में थे यानी कि धनु राशि में थे, मूला नक्षत्र में थे और 6 अप्रैल को वक्री हुए। 25 अगस्त को मार्गी हुए। जिस दिन वक्री हुए उस दिन निफ्टी मेटल का वैल्यू था 3146 । 25 अगस्त को जब निफ्टी ये जो इसके सैटर्न का आखिरी दिन था वक्री होने का उस दिन निफ़ी मेटल का वैल्यू था 3414 यानी कि कुल 8.82 यानी कि लगभग 9% के आसपास की ग्रोथ हमें उस दिन उस साल भी देखने को मिली।
साल 2018 की मूवमेंट-
सैटर्न 2018 में धनु राशि में ही थे यानी कि धनु राशि में थे, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में थे। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुक्र का नक्षत्र है। मेटल निफ्टी उस समय 18 अप्रैल को जिस दिन यह वक्री हुए थे, 3750 के स्तर पर था। 6 सितंबर तक शनि वक्री रहे और मेटल निफ्टी का लास्ट वैल्यू था 3632 यानी कि लगभग 2.5% की गिरावट उस समय देखने को मिली। यह शुक्र के नक्षत्र में यह सॉफ्ट नक्षत्र है और जितने हमने तेजी वाले वह देखे हैं, उसमें नक्षत्र या तो फिर वह ट्रेड का था या फिर फायरी प्लनेट के उसमें नक्षत्र में थे।
साल 2019 की मूवमेंट-
सैटर्न 2019 में भी धनु में और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में ही थे ये फिर से शुक्र के नक्षत्र में उस साल भी इसी में रहे। राहु-केतु के एक्सिस में थे यानी कि शनि उस साल राहु-केतु एक्सिस में आ गए। मेटल निफ्टी 30 अप्रैल को 399 के स्तर पर था। सितंबर 18 को इसी साल में मेटल निफ्टी की वैल्यू रह गई, 2402 इस साल एक स्थिति देखिए कि शनि राहु-केतु एक्सिस में थे, खुद पीड़ित थे। सॉफ्ट प्लांट के नक्षत्र में थे इसलिए हमें मेटल निफ्टी में -21% का ग्रोथ देखने को मिला। यह एक साल था जहां पर हमें ग्रोथ-डिग्रोथ ज्यादा देखने को मिला।
साल 2020 की मूवमेंट-
2020 में शनि वृश्चिक में थे और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में थे। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जो शनि है मकर में थे। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में थे मेटल निफ्टी 11 मई को 2020 को 1697 के लेवल पे था। 29 सितंबर को जिस दिन लास्ट डे था वक्री होने का उस दिन मेटल निफ्टी था, 2280 यानी कि जो ग्रोथ देखने को मिली। इसमें 36.0 5% की ग्रोथ देखने को मिली, 1697 से लेकर 1697 11 मई तक। 29 मई को 12280 यह ग्रोथ थी 36% 2020 की ग्रोथ मेटल की सबको याद है, उस समय सेल और कॉपर ये सरकारी पी.एस.यू जितने भी शेयर थे वो इन्हीं चार महीनों में डबल हो गए थे, तो कुछ शेयर तो डबल हो जाएंगे। कुछ शेयर हो सकता है नीचे भी गिरे लेकिन इंडेक्स मोटे तौर के ऊपर ज्यादा चलता हुआ नजर आता है।
साल 2021 की मूवमेंट-
अब 2021 की बात करते हैं 2021 में भी सैटर्न कैप्रीकॉर्न में ही थे, श्रवणा नक्षत्र में थे। यहां पर 23 मई को वक्री हुए, 11 अक्टूबर को वो मार्गी हुए। जिस दिन वक्री हुए उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू थी 5068। जिस दिन मार्गी हुए यानी कि 11 अक्टूबर को जिस दिन आखिरी दिन था, वक्री होने का उस दिन इंडेक्स की वैल्यू थी 576 यानी कि 576 यह ग्रोथ थी 13.09% की।
साल 2022 की मूवमेंट-
2022 में शनि कुम्भ यानी कि अपनी ही राशि में आ गए लेकिन मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में थे। 5 जून को सैटर्न वक्री होते हैं। 23 अक्टूबर तक वह वक्री अवस्था में रहते हैं। जिस दिन वक्री होते हैं, उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू रहती है 5500। जिस दिन शनि मार्गी होते हैं 23 अक्टूबर को उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू थी 5748। तो यह ग्रोथ आई 7.87 की लगभग 8% की ग्रोथ।
साल 2023 की मूवमेंट-
इसी प्रकार 2023 को यदि हम देखते हैं तो सैटर्न कुम्भ में थे लेकिन शतभिषा जो राहु का नक्षत्र है, उसमें आ जाते हैं। 17 जून को सैटर्न वक्री हुए, उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू थी 623 यानी कि 6203 और 4 नवंबर को जिस दिन शनि मार्गी होते हैं, उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू थी। 6479 यह बहुत कम ग्रोथ है। लगभग 4% की ग्रोथ आई लेकिन फिर भी हमें ग्रोथ देखने को मिली।
साल 2024 की मूवमेंट-
2024 में शनि उस समय भी कुम्भ के नक्षत्र राशि में थे लेकिन जुपिटर के केंद्र में थे। पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में थे तो यह नक्षत्र भी गुरु का है, गुरु के केंद्र में भी रहे। उस दौरान गुरु दो राशि में ही थे और शनि जब 11 राशि में है तो वह केंद्र में आ जाती हैं। 2, 5, 8, 11 राशियां केंद्र की राशियां हैं। तो इसकी जो 2, 5, 8, 11 आपस में केंद्र की राशियां हैं। जब गुरु के केंद्र में थे, गुरु के नक्षत्र में थे 30 जून को वक्री हुए। जिस दिन वक्री हुए उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू थी 982 यानी कि 9882। जिस दिन मार्गी हुए 15 नवंबर 2024 को उस दिन मेटल इंडेक्स की वैल्यू थी 1828। तो यह जो इंडेक्स है पिछले साल भी लगभग 11% चल गया।
2014 से लेकर 204 तक का इसमें आपने देखा कि मोटे तौर पर दो साल ऐसे थे, जिसमें हमें ज्यादा नेगेटिव में रिटर्न मिला। बाकी 8 साल करीब-करीब पॉजिटिव रिटर्न मिला। 1 साल 2, 3, 5% का नेगेटिव था इनमें से। बाकी रिटर्न ज्यादा बेटर ही रहा। 2018 की बात करते हैं जिस समय माइनस करीब 2.5% रिटर्न मिला था या 2019 की बात करते हैं जिस समय हमें -21% रिजल्ट मिला था।
तो 2015 में सैटर्न दुश्मन की राशि में थे। उनके ऊपर केतु का प्रभाव था और ट्रायंगल में अच्छे ग्रह नहीं थे। किसी भी घर से या किसी भी ग्रह से ट्रायंगल में पाप ग्रह आ जाते हैं, तो उसकी स्थिति वीक हो जाती है। 2019 में सैटर्न वह राहु-केतु के केंद्र में आ गए थे। जब प्लनेट ही राहु-केतु एक्सिस में आ गया और उसके केंद्र में कोई बेनिफिक प्लनेट नहीं था ना ही उसके ऊपर सैटर्न के ऊपर किसी बेनफिक प्लनेट की दृष्टि थी। मार्स जो है वह उस साल भी 68 एक्सिस में था।
हालांकि इस साल भी मार्स एंड सैटर्न 68 एक्सिस में आएंगे शनि के साथ जब शनि वक्री अवस्था में जाएंगे। लेकिन ये एक अकेला केस नहीं है जिसके दम पर सैटर्न की स्थिति मजबूत हो जाए। क्योंकि 2017 में 2021 में जो जब इसका रिटर्न अच्छा रहा तो उस समय भी मंगल शनि का शटाक बना था। लेकिन मेटल निफ्टी भागा था उस साल भी। तो टोटल मिलाकर यदि इसको देखा जाए मेटल इंडेक्स के मूव को और सैटर्न के मूव को तो सैटर्न का वक्री होना मेटल इंडेक्स के लिए अच्छी खबर लेकर आता है। यह तो इसका एस्ट्रोलॉजिकल पहलू हो गया। ये इसका ज्योतिषीय पहलू हो गया। अब थोड़ा सा इसके ऊपर बात करेंगे कि जुलाई में स्थितियां कैसी बन सकती हैं दुनिया में। क्योंकि अल्टीमेटली दुनिया में ग्रोथ होती है तो मेटल की मांग बढ़ती है। भले ही वो कार मैन्युफैक्चरर की तरफ से आए। भले ही वह इंफ्रा में जो डेवलपमेंट होनी है उनकी तरफ से आए तो यह पूरा पूरी पूरी तरह यह ग्रोथ से जुड़ा हुआ जुड़ा हुआ मामला है। सड़कें बनेंगी, घर बनेंगे, प्रोजेक्ट नए-नए लगेंगे तो उसके लिए मेटल्स की जरूरत पड़ेगी। कार्स बनेंगी तो उसके लिए मेटल्स की जरूरत पड़ेगी। तो दो देश हैं मोटे तौर पर जो बहुत ज्यादा कंजमशन वाले देश हैं। बहुत ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग वाले भी देश हैं। डिमांड यहीं से आती है ज्यादा क्योंकि यही पूरी दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनते जाने हैं। पहला है चाइना, दूसरा इंडिया। अब स्थिति देखिए। यह दोनों ही देश इस समय अमेरिका के साथ ट्रेड डील की उसमें स्थिति में है। ट्रेड डील कर रहे हैं। कल जो जब हम ये वीडियो शूट कर रहे हैं उससे एक दिन पहले कल ही डोन्ड ट्रंप ने जब अनाउंस किया कि 90 दिन के लिए जो है वो टैरिफ वार उसका रुक गया चाइना के साथ। तो टर्म्स एंड कंडीशन ट्रेड की सेट हो रही है कि ट्रेड वार उसकी टैरिफ की टर्म्स एंड कंडीशन क्या होगी? टेरिफ क्या लगेगा चाइना के ऊपर? अमेरिका कितना टेरिफ लगाएगा? उसके बाद ही हमने देखा कि मेटल इंडेक्स भी भागा। इंडिया के साथ भी ट्रेड की बातचीत चल रही है। कुछ आज ही खबर आई थी। एक एक खबर आई थी कि हो सकता है कि इंडिया जैसे अमेरिका इंडिया के मेटल्स के ऊपर टैक्स लगाता है वैसे ही इंडिया भी जवाब जवाबी टैक्स लगाएगा। तो ये ये एक खबर आई थी। हालांकि ये इंडियन मीडिया में नहीं थी। ये रशियन मीडिया में थी। खैर इसको इसको थोड़ा सा साइड में भी रख देते हैं। तो ट्रंप की जो
ट्रंप की जो ट्रेड डेडलाइन है वह 9 जुलाई है और सैटर्न इस साल 13 जुलाई को वक्री होंगे। 13 जुलाई को सैटर्न वक्री होंगे और लगभग 28 नवंबर तक वक्री रहेंगे। ये 142 दिन का 140 दिन का पीरियड होता है। तो 9 जुलाई की डेडलाइन है। यदि वो डेडलाइन में चीजें सारी स्मूथ हो जाती हैं जो लगातार हो रही हैं। इसका एस्ट्रोलॉजिकल पहलू भी है कि इस साल जो संवत की कुंडली निकली है उसमें सूर्य जो है वह राजा भी है, मंत्री भी है लेकिन सूर्य की स्थिति कमजोर है। जब सूर्य की स्थिति कमजोर होती है, तो बहुत सारी चीजों से यू टर्न लेना पड़ता है। पिछले 1 महीने में29 मार्च के बाद के डिसीजन और उसके बाद के यूटर्न देखिए। भले ही वो ट्रंप हो, भले ही वह पुतिन हो, भले ही शीजिंगपिंग हो, भले ही अपने प्रधानमंत्री मोदी हो यू टर्न लेने ही पड़ेंगे।
नरेश कुमार
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