Edited By Jyoti,Updated: 27 Jun, 2022 12:33 PM
बात उन दिनों की है जब गांधी जी स्कूल में अपनी आरंभिक शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। एक बार उनके स्कूल में निरीक्षण के लिए विद्यालय निरीक्षक आए हुए थे। उनके शिक्षक ने छात्रों को हिदायत दे रखी थी कि निरीक्षक पर आप सबका अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए।
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बात उन दिनों की है जब गांधी जी स्कूल में अपनी आरंभिक शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। एक बार उनके स्कूल में निरीक्षण के लिए विद्यालय निरीक्षक आए हुए थे। उनके शिक्षक ने छात्रों को हिदायत दे रखी थी कि निरीक्षक पर आप सबका अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए। जब निरीक्षक गांधी जी की कक्षा में आए तो उन्होंने बच्चों की परीक्षा लेने के लिए छात्रों को पांच शब्द बताकर उनकी वर्तनी (स्पैलग) लिखने को कहा। निरीक्षक की बात सुनकर सारे बच्चे वर्तनी लिखने में लग गए। जब बच्चे वर्तनी लिख ही रहे थे कि शिक्षक ने देखा कि गांधी जी ने एक शब्द की वर्तनी गलत लिखी है।
उन्होंने गांधी जी को संकेत कर बगल वाले छात्र से नकल कर वर्तनी ठीक लिखने को कहा किन्तु गांधी जी ऐसा कहां करने वाले थे। उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें नकल करना अपराध लगा। निरीक्षक के जाने के बाद उन्हें शिक्षक से डांट खानी पड़ी पर उसके बावजूद गांधी जी अपनी बात पर अड़े रहे। जीवन भर अपने ईमानदार व्यवहार को बनाए रखा।