Edited By Jyoti,Updated: 11 Dec, 2021 11:32 AM

हम इतने बेईमान लोग हैं कि हमें आना तो याद रहता है लेकिन जाना भूल जाते हैं। दिन का निकलना याद रहा पर सूरज का ढलना भूल गए।
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हम इतने बेईमान लोग हैं कि हमें आना तो याद रहता है लेकिन जाना भूल जाते हैं। दिन का निकलना याद रहा पर सूरज का ढलना भूल गए।
‘‘मौत को भूलिए मत और जो मिला है उसे पाकर फूलिए मत।’’
मेरा कहा मानो तो बस इतना ही याद रखना है ‘‘जो चला गया उसके लिए मत सोचो। जो नहीं मिला उसकी चिंता मत करो और जो मिल गया उसे अपना मत मानो।’’
आप तमाम देवी-देवताओं को मानते हैं। कोई राम को, कोई कृष्ण को, कोई महावीर को, कोई गुरुनानक को, कोई किसी को, तो कोई किसी को मानता होगा। ठीक है। मैं आपकी मान्यता पर कोई दखलअंदाजी नहीं करूंगा। किसको मानना है, यह आपका स्वतंत्र निर्णय है क्योंकि आप स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं।
मैं आपकी मान्यता में कोई फेरबदल नहीं करूंगा, पर एक बात जरूर कहूंगा कि तमाम देवी-देवताओं को मानते हो तो एक बात तरुण सागर की भी माननी पड़ेगी और बात यही है कि ‘‘जो चला गया उसके लिए मत सोचो। जो नहीं मिला उसकी कामना कम करो और जो मिल गया उसे अपना मत मानो।’’ यही वह सूत्र है जो जीवन में याद रखने जैसा है। मेरी बात मानोगे तो मजे करोगे और अपनी मनमानी करोगे तो...।