Edited By Sarita Thapa,Updated: 06 Dec, 2025 02:02 PM

वास्तु शास्त्र में पूजा घर और पूजा सामग्री के स्थान का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि यदि पूजा से संबंधित वस्तुओं को गलत दिशा में रखा जाए, तो इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है और घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है।
Puja Items Direction : वास्तु शास्त्र में पूजा घर और पूजा सामग्री के स्थान का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि यदि पूजा से संबंधित वस्तुओं को गलत दिशा में रखा जाए, तो इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है और घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है। पूजा का सामान रखते समय दिशाओं का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है, खासकर उन दिशाओं का जहां भूलकर भी पूजा सामग्री नहीं रखनी चाहिए। तो आइए जानते हैं उन दिशाओं के बारे में जहां भूलकर भी पूजा की सामग्री नहीं रखनी चाहिए।
दक्षिण दिशा
इस दिशा को वास्तु में यमराज की दिशा माना गया है, और इसे पितरों से भी जोड़ा जाता है। दक्षिण दिशा में पूजा का सामान रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और घर में अशुभ प्रभाव आने की आशंका रहती है। देवी-देवताओं की मूर्तियाँ या तस्वीरें भी इस दिशा में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पूजा करने वाले का मुख दक्षिण की ओर हो जाता है, जिसे वास्तु में सही नहीं माना जाता।
शुभ दिशाएं
पूजा घर या पूजा का सामान रखने के लिए ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को सबसे उत्तम माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो पूर्व या उत्तर दिशा का प्रयोग किया जा सकता है।

इन स्थानों पर भी न रखें पूजा का सामान
शौचालय/बाथरूम के पास की दीवार
जिस दीवार से शौचालय सटा हो या उसके पास वाली जगह पर पूजा का सामान कभी नहीं रखना चाहिए।
सीढ़ियों के नीचे
सीढ़ियों के नीचे का स्थान शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए यहां पूजा का सामान न रखें।
रसोई घर या बेडरूम
यदि घर छोटा हो तो पर्दे या अलग गेट का उपयोग करें, लेकिन रसोई या बेडरूम में सीधे पूजा स्थान स्थापित करने से बचें।
पूजा घर के ऊपर या नीचे अन्य सामान
पूजा घर के स्लैब के ऊपर या नीचे गैर-धार्मिक सामान नहीं रखना चाहिए, विशेष रूप से कूड़ेदान या भारी वस्तुएं।

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