Edited By Sarita Thapa,Updated: 19 Sep, 2025 06:01 AM

हिंदू धर्म में हर एक एकादशी का बहुत खास महत्व है। नवरात्रि और दशमी तिथि के बाद हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पापांकुशा एकादशी व्रत रखने का विधान है।
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Papankusha Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर एक एकादशी का बहुत खास महत्व है। नवरात्रि और दशमी तिथि के बाद हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पापांकुशा एकादशी व्रत रखने का विधान है। इस साल पापांकुशा एकादशी का व्रत 03 अक्टूबर को रखा जाएगा। माना जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान और सच्चे मन से विष्णु जी की पूजा करने से शुभ फलों और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी के नामों और मंत्रों का जाप करने से भी मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है। तो आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Papankusha Ekadashi Shubh muhurat पापांकुशा एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर होगी और उसका समापन 03 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 32 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, 03 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी।

Papankusha Ekadashi Puja Vidhi पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
पापांकुशा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
अब विष्णु जी को पंचामृत, पीले फूल, तुलसी दल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
उसके बाद विष्णु जी और माता लक्ष्मी के मंत्रों और नामों का जाप करें।
अंत में भगवान विषणु के समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
