जानें, क्या है पशुपतिनाथ मंदिर के चतुर्मुख लिंग का रहस्य

Edited By Updated: 02 May, 2018 12:16 PM

pashupatinath temple in nepal

नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर दूर देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है।

नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर दूर देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। भगवान शिव का यह धाम यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में भी शामिल है। इतना ही नहीं, यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, जिस कारण यहां दर्शन के लिए भारत के ही नहीं, अपितु विदेशों के भी असंख्य श्रद्धालु पहुंचते हैं। 


इस मंदिर की सबसे अनोखी बात ये है, यहां स्थापित शिवलिंग 6 फीट ऊंचा व पंचमुखी है। इस पशुपतिनाथ लिंग विग्रह में चार दिशाओं में चार मुख और पांचवां मुख ऊपरी भाग में है। प्रत्येक मुखाकृति के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल है। सभी मुख अपने आप में कुछ महत्व व नाम लिए हुए हैं। शिवलिंग पर पूर्व दिशा की ओर बने मुख को "तत्पुरूषा",  दक्षिण को "अघोरा", उत्तर को "वामदेव" तथा पश्चिम दिशा वाले मुख को "साध्योजटा" के नाम से जाना जाता है। पशुपतिनाथ मंदिर स्थित शिवलिंग के इन मुखों को चार धर्मों व हिंदू धर्म के चार वेदों के चिन्हों के रूप में वर्णित किया जाता है। इसके ऊपर के भाग को ईशान कहा जाता है। शिव पुराण के अनुसार इस शिवलिंग को ज्योर्तिलिंग के रूप में स्थापित किया गया था। 


पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव यहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में थे। जब देवताओं ने उन्हें ढूंढकर, वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। इस दौरान उनका सींग टूट कर चार टुकडों में बंट गया। फिर भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में यहां प्रकट हुए थे।


मंदिर के निर्माण को लेकर अभी तक कोई प्रमाणित इतिहास तो नहीं मिला, किन्तु कुछ जगह पर यह जरुर लिखा पाया जाता है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में करवाया था।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!