Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Sep, 2020 06:48 AM
प्रतिवर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक महात्मय यानी पितृ पक्ष के श्राद्ध निर्धारित रहते हैं। प्रौष्ठपदी पूर्णिमा से ही श्राद्ध आरंभ हो जाते हैं। इस वर्ष ये
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Pitru Paksha 2020 Date: प्रतिवर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक महात्मय यानी पितृ पक्ष के श्राद्ध निर्धारित रहते हैं। प्रौष्ठपदी पूर्णिमा से ही श्राद्ध आरंभ हो जाते हैं। इस वर्ष ये 1 सितम्बर से 17 सितम्बर तक रहेंगे। श्राद्ध शब्द का अर्थ ही है जो कर्म श्रद्धा से किया जाए। हमारे धर्मशास्त्रों में प्रसंग मिलता है कि जो अपने पितरों को प्रसन्न रखने तथा शांति के लिए कर्म नहीं करता, वह नाना प्रकार के कष्टों, रोग, शोक, संतान, कष्ट, राजकष्ट एवं भूमि कष्ट से पीड़ित होता है।
हमारा अस्तित्व हमारे पूर्वजों से है। जब हमारे पूर्वज हमसे रुष्ट रहेंगे तो देवता भी हमारे पास नहीं आ सकेंगे। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक वर्ष तक प्राय: सूक्ष्म जीव को नया शरीर नहीं मिलता। इसी कारण मोहवश सूक्ष्म जीव अपने घर एवं परिजनों के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। श्राद्ध कर्म से सूक्ष्म जीव को तृप्ति मिलती है। इसीलिए श्राद्ध कर्म किया जाता है।
Pitru Paksha 2020 Calender
पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध)- 1 सितंबर
दूसरा श्राद्ध- 2 सितंबर
तीसरा श्राद्ध- 3 सितंबर
चौथा श्राद्ध- 4 सितंबर
पांचवा श्राद्ध- 5 सितंबर
छठा श्राद्ध- 6 सितंबर
सांतवा श्राद्ध- 7 सितंबर
आंठवा श्राद्ध- 8 सितंबर
नवां श्राद्ध- 9 सितंबर
दसवां श्राद्ध-10 सितंबर
ग्यारहवां श्राद्ध- 11 सितंबर
बारहवां श्राद्ध- 12 सितंबर
तेरहवां श्राद्ध- 13 सितंबर
चौदहवां श्राद्ध-14 सितंबर
पंद्रहवां श्राद्ध- 15 सितंबर
सोलवां श्राद्ध- 16 सितंबर
सत्रहवां श्राद्ध (सर्वपितृ अमावस्या)- 17 सितंबर