Edited By Sarita Thapa,Updated: 26 May, 2025 07:01 AM

Ravi Pradosh Vrat 2025: रवि प्रदोष भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष तिथि को रखा जाता है।
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Ravi Pradosh Vrat 2025: रवि प्रदोष भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष तिथि को रखा जाता है। इस बार रवि प्रदोष का व्रत 08 जून 2025 को रखा जाएगा। यह व्रत उन लोगों के लिए बहुत खास माना जाता है जो अपने जीवन में शांति, आरोग्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। इस दिन शिव जी के स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। तो आइए जानते हैं शिव स्तोत्र के बारे में-

।।शिव तांडव स्तोत्र।।
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥॥
जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी
विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥॥
धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि
क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥॥

जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥॥
सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥॥
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥॥
