Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Jun, 2025 07:29 AM

भक्त ने मंदिर से कुछ दूरी पर भगवान को टहलते देखा तो उसे आश्चर्य हुआ। उसने पास जाकर पूछा, ‘‘प्रभु, आप यहां?’’ भगवान् मुस्कुराते हुए बोले, ‘‘उधर कोई नेता आया हुआ है। वह सुरक्षा कर्मियों से घिरा मंदिर के आंगन तक कार में पहुंचा और फिर...
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भक्त ने मंदिर से कुछ दूरी पर भगवान को टहलते देखा तो उसे आश्चर्य हुआ। उसने पास जाकर पूछा, ‘‘प्रभु, आप यहां?’’
भगवान् मुस्कुराते हुए बोले, ‘‘उधर कोई नेता आया हुआ है। वह सुरक्षा कर्मियों से घिरा मंदिर के आंगन तक कार में पहुंचा और फिर ‘वी.वी.आई.पी.’ कोटे के तहत मेरे दर्शन करने के लिए अंदर आया। उसे घुसते देख मैंने सोचा क्यों न कुछ देर मैं उन लोगों के दर्शन कर लूं, जिन्हें उस नेता की वजह से सुबह से मंदिर के पास नहीं फटकने दिया जा रहा है।’’

भक्त यह सुनकर प्रभु से बोला, ‘‘लेकिन मैंने तो सुना है कि यह नेता आपका अनन्य भक्त है?’’
प्रभु मोहक मुस्कान बिखेरते हुए बोले, ‘‘जिसे मेरे आंगन में भी सुरक्षा कर्मियों की जरूरत हो, वह भला मेरा अनन्य भक्त कैसे हो सकता है?’’
