केवल ग्रह या जगत की आत्मा कहलाने वाले देवता हैं सूर्य देव?

Edited By Jyoti,Updated: 06 Dec, 2020 11:58 AM

religious story of lord surya

सनातन धर्म में अन्य प्रकार के देवी-देवता है, जिनमें से एक सूर्य देव भी हैं। मगर बहुत से लोगों इन्हें केवल ग्रह मानते हैं। तो क्या सूर्य देव देवता नहीं केवल ग्रह हैं? अगर आपके मन में

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म में अन्य प्रकार के देवी-देवता है, जिनमें से एक सूर्य देव भी हैं। मगर बहुत से लोगों इन्हें केवल ग्रह मानते हैं। तो क्या सूर्य देव देवता नहीं केवल ग्रह हैं? अगर आपके मन में यह सवाल आया है तो आपको बता दें कि आज हम आपको इसी संदर्भ से जु़ड़ी जानकारी देने वाल हैं, जिसमें हम आपको सूर्य देव के ही बारे में नहीं बल्कि उनके कुल के बारे में भी जानकारी देंगे। तो चलिए देर न करते हुए सबसे पहले जानते हैं कि सनातन धर्म के अनुसार सूर्य देव के माता-पिता कौन थे। 
PunjabKesari, Surya Dev, Lord Surya, Surya Grah, Surya Planet, Sun Planet, surya dev wife, surya dev sons, surya dev family tree, Dharm, Religious Story, Sanatan Dharm, Punjab Kesari
बताया जाता है कि पौराणिक संदर्भ में सूर्यदेव की उत्पत्ति के विभिन्न प्रसंग के मिलते हैं। अगर इन्हीं पौराणिक मान्यताओं व कथाओं की मानें तो सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप था, व उनकी माता अदिति थी। कहा जाता है अदिति के पुत्र होने क कारण ही इन्हें आदित्य देव भी कहा जाता है। ये बताया भी जाता है कि 33 कोटि-देवी देवता में 12 पुत्र आदिति के भी शामिल हैं, जिनके नाम हैं, विवस्वान् (सूर्य), अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, इंद्र और त्रिविक्रम (भगवान वामन)। 12 आदित्यों के अलावा 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विनकुमार मिलाकर 33 देवताओं का एक वर्ग है। अगर बात करें महर्षि कश्यप के जन्म की तों कहा जाता है कि ब्रह्माजी के पुत्र मरिचि से कश्यप का जन्म हुआ था। कश्यप से विवस्वान और विवस्वान के पुत्र वैवस्त मनु थे। जिनमें से विवस्वान को ही सूर्य कहा जाता है।

अब बात करते हैं इनकी पत्नी और संतान के बारे में। कथाओं के अनुसार विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा विवस्वान् यानि सूर्य देव की पत्नी थी। जिन्होंने अपने गर्भ से सूर्य देवती की तीन संतानें को जन्म दिया था, जिनमें एक कन्या और दो पुत्र थे। इनकी पहली संतान प्रजापति श्राद्धदेव था, जिन्हें वैवस्वत मनु कहा जाता है। इसके बाद तत्पश्चात यम और यमुना- ये जुड़वीं संतानें हुई। यमुना को शास्त्रों में कालिन्दी के नाम से भी संबोधन किया गया है।  
 

इससे PunjabKesari, Surya Dev, Lord Surya, Surya Grah, Surya Planet, Sun Planet, surya dev wife, surya dev sons, surya dev family tree, Dharm, Religious Story, Sanatan Dharm, Punjab Kesari
जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार भगवान सूर्य के तेजस्वी स्वरूप को संज्ञा सह न सकी थी, उसने अपने ही सामान वर्णवाली अपनी छाया प्रकट की। जो छाया स्वर्णा नाम से विख्यात हुई। जिसे संज्ञा ही समझ कर सूर्य ने उसके गर्भ से अपने ही सामान तेजस्वी पुत्र उत्पन्न किया। वह भी अपने बड़े भाई मनु के ही समान था। इसलिए वह सावर्ण मनु के नाम से प्रसिद्ध हुआ। तो वहीं छाया से शनैश्चर (शनि) और तपती नामक कन्या हुई।

शास्त्रों में वर्णित इनसे जुड़ी धार्मिक कथाओं के अनुसार अदिति के पुत्र विवस्वान् से वैवस्वत मनु का जन्म हुआ। महाराज मनु को इक्ष्वाकु, नृग, धृष्ट, शर्याति, नरिष्यन्त, प्रान्शु, नाभाग, दिष्ट, करुष और पृषध्र नामक 10 श्रेष्ठ पुत्रों की प्राप्ति हुई। सूर्य देवी के भी अन्य कई पुत्र हुए। 

त्रेतायुग में कपिराज सुग्रीव और द्वापर में महारथी कर्ण भगवान सूर्य के ही अंश से उत्पन्न हुए थे, ऐसी कथाएं प्रचलित हैं। तो वहीं श्रीकृष्ण की माता देवकी 'अदिति का अवतार' बताई जाती हैं। भविष्य पुराण, मत्स्य पुराण, पद्म पुराण, ब्रह्म पुराण, मार्कण्डेय पुराण तथा साम्बपुराण में भगवान सूर्य के परिवार की विस्तृत कथा वर्णित है। कहा जाता है कि समस्त सूर्यवंशी उन्हीं की संतानें हैं।

ग्रह या देवता : 
धार्मिक शास्त्रो में वर्णित इनसे संबंधित संपूर्ण जानकारी इस बात को स्पष्ट करती है कि सूर्य देव केवल ग्रह नहीं बल्कि देवता हैं। यही कारण है कि वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है। एक अन्य धार्मिक किंवदंति के अनुसार महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति ने सूर्य साधना करके अपने गर्भ से एक तेजस्वीवान पुत्र को जन्म दिया था। यह भी कहा जाता है कि सूर्यदेव ने ही उन्हें उनके गर्भ से अपने उत्पन्न होने का वरदान दिया था।

PunjabKesari, Surya Dev, Lord Surya, Surya Grah, Surya Planet, Sun Planet, surya dev wife, surya dev sons, surya dev family tree, Dharm, Religious Story, Sanatan Dharm, Punjab Kesari
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!