Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Nov, 2023 10:40 AM
दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चतुर्दशी के रूप में मनाई जाती है। इसे छोटी दीवाली, नरक चौदस, रूप चौदस या रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण,
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Roop Chaturdashi 2023: दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चतुर्दशी के रूप में मनाई जाती है। इसे छोटी दीवाली, नरक चौदस, रूप चौदस या रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण, मृत्यु के देवता यम एवं मां काली की पूजा का बहुत महत्व है। इस दिन स्नान करने से पहले अपने शरीर पर तेल की मालिश करना और उबटन लगाने का भी विधान है। इसी कारण इसे रूप चतुर्दशी भी कहते हैं।
इस दिन शाम को दीप जलाकर यमराज की पूजा की जाती है, जिनसे अकाल मृत्यु एवं नरक की यातनाओं के भय से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है। यमराज हमें रोग, शोक या किसी भी प्रकार की दुर्घटना के भय से दूर रखें। पूजा के समय एक बेहतर स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
इस दिन शरीर पर तेल की मालिश करके नहाने का विधान है। मान्यता है की ऐसा करने वाला व्यक्ति खूबसूरत और जवान हो जाता है और त्वचा की रौनक बरकरार रहती है।
इस दिन शाम के समय आटे का चौमुखा दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रखना चाहिए। नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान करने से उस घर के सदस्यों को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।