Edited By Jyoti,Updated: 10 Jul, 2020 12:15 PM
सावन काल शुरू होते ही भोलेनाथ के जयकारों की गूंज शुरू हो जाती है। मंदिर हो या शिव भक्तों का हर जगह बस भोले की मस्ती में डूबा दिखाई देता है। 06 जुलाई से इस साल का श्रावण माह आरंभ हो चुका है।
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सावन काल शुरू होते ही भोलेनाथ के जयकारों की गूंज शुरू हो जाती है। मंदिर हो या शिव भक्तों का हर जगह बस भोले की मस्ती में डूबा दिखाई देता है। 06 जुलाई से इस साल का श्रावण माह आरंभ हो चुका है। कोरोना का कारण इस बार सावन में होने वाले बहुत से कार्यों पर रोक लगा दी गई, जैसे कि कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाना आदि जैसे। ऐसे में देवों के देव महादेव के भक्त काफी निराश हो गए हैं, क्योंकि इसके अलावा मंदिरों में भी कोरोना के मद्देनज़र बहुत से बदलाव किए गए हैं। ऐसे में उन्हें ये समझ नहीं आ रहा है कि कैसे भगवान शंकर को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जाए तो बता दें आप घर बैठे भी बहुत सरलता से इनकी कृपा सकते हैं, कैसे? जानने के लिए आगे दी गई जानकारी ज़रूर पढ़ें।
धार्मिक शास्त्रों के अलावा वास्तु शास्त्र भी एक शास्त्र माना गया है जिसमें कई ऐसे उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाने सेइससे संबंधित दोष तो खत्म होते ही हैं, बल्कि साथ ही साथ भगवान की कृपा भी प्राप्त होती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रावण मास में कुछ खास वास्तु उपाय अपनाने से जीवन से दोष तो खत्म होते ही हैं, साथ ही साथ भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए जानते हैं ये खास उपाय-
इतना तो सब जानते ही होंगे कि भगवान शंकर नंदी की सवारी करते हैं, ऐसे में अगर सावन माह में गाय की सेवा की जाए तो शिव शंकर प्रसन्न होते हैं कष्टों को दूर करते हैं। इसलिए ज्योतिष व वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि इस दौरान गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए तथा जितनी हो सके इनकी सेवा करनी चाहिए।
इसके साथ ही इस पावन महीने में अपनी क्षमता अनुसार गरीबों में दान करना चाहिए व उन्हें भोजन करवाना चाहिए। कहा जाता ऐसा करने से जातक के घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। इसके अलावा जिन घर में तुलसी का पौधा न हों, कहा जाता श्रावण का माह घर में तुलसी स्थापित करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है इससे घर में घर में सुख समृद्धि बढ़ती है।
जो लोग इस माह में व्रत उपवास कर पाएं उन्हें पूरी निष्ठा भाव से व्रत रखें, बता दें इस दौरान एक वक्त भोजन करने की मान्यता है। मान्यता है ऐसा करने से पापों का नाश होता है और जातक की आध्यात्म में रुचि बढ़ती है।
सावन के पूरे माह घर के रसोई घर को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। घर में पैदा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घर के हॉल में चांदी या तांबे का त्रिशूल स्थापित कर सकते हैं। तो वहीं बच्चों के कमरे में डमरू रखने से हर प्रकार का भय दूर होता है।
घर में बरकत को बरकरार रखने के लिए तिज़ोरी में या तिज़ोरी के आस-पास नंदी रख सके हैं।