Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Jul, 2025 07:21 AM

Inspirational Story: एक प्रतापी राजा के तीन बेटे थे। उन्हें सुयोग्य बनाने के लिए राजा ने उनकी शिक्षा-दीक्षा की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था की। जब राजा बूढ़ा हो गया तो उसने अपने सभी पुत्रों को अपने पास बुलाया।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: एक प्रतापी राजा के तीन बेटे थे। उन्हें सुयोग्य बनाने के लिए राजा ने उनकी शिक्षा-दीक्षा की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था की। जब राजा बूढ़ा हो गया तो उसने अपने सभी पुत्रों को अपने पास बुलाया।
उसने कहा, “पुत्र, हमारे राज्य में नाशपाती का एक भी पेड़ नहीं है इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम सभी एक पेड़ की खोज में जाओ और वापस आकर मुझे यह बताओ कि वह कैसा होता है।”

राजा ने एक शर्त भी रखी कि उनके तीनों बेटे अलग-अलग और चार-चार माह के अंतराल में जाएंगे। इसके बाद तीनों आकर एक साथ प्रश्न का उत्तर देंगे। राजा का बड़ा बेटा सबसे पहले गया। उसके बाद मंझला और सबसे आखिर में सबसे छोटा बेटा गया। सभी अपनी-अपनी खोज करके वापस आए।
राजा ने पूछा बताओ कि वृक्ष कैसा होता है ? सबसे बड़े बेटे ने उत्तर दिया और कहा कि पेड़ बहुत अजीब है। उसमें न कोई पत्ती, न कोई फल, वह एकदम सूखा है।
यह सुन तुरंत मंझले बेटे ने कहा, “नहीं तो, वृक्ष तो बहुत हरा-भरा होता है लेकिन उसमें फल नहीं लगते हैं। बस यही एक बड़ी कमी है।”

यह सुन तुरंत ही छोटा बेटा बोला, “मेरे दोनो बड़े भाई किसी अन्य वृक्ष को देखकर आ गए हैं। नाशपाती का पेड़ तो हरा-भरा होता है। फलों से लदा हुआ होता है। मैंने खुद देखा है।”
तीनों बेटे अपनी-अपनी बात पर अड़ गए। तब उनके पिता ने कहा, “पुत्रो मैंने जानबूझकर तुम तीनों को अलग-अलग मौसम में भेजा था। ऐसा मैंने तुम्हें जीवन की एक गहरी सीख देने के लिए किया था। नाशपाती के वृक्ष पर जब भी मौसम का प्रभाव पड़ता है तो कभी वह सूखा तो कभी हरा-भरा हो जाता है। ऐसे ही जीवन के उतार-चढ़ाव में सुख-दुख, सफलता-असफलता का दौर आता है। ऐसे में हमको भी हिम्मत बनाए रखनी होती है।”
