6 अगस्त को है सावन शिवरात्रि, ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

Edited By Jyoti,Updated: 31 Jul, 2021 10:12 AM

sawan shivratri 2021

वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित होता है।  इस पूरे महीने में प्रतिदिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा करने का विधान है। सावन में पड़ने वाले सोमवार जिस तरह

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वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित होता है।  इस पूरे महीने में प्रतिदिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा करने का विधान है। सावन में पड़ने वाले सोमवार जिस तरह धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं , उसी तरह सावन शिवरात्रि की भी अपनी ही एक विशेष महता है और भक्तों को बड़ी शिद्दत से सावन शिवरात्रि का इंतजार रहता है। सावन महीने में श्रद्धालु शिव शक्ति का आशीर्वाद व अनुकंपा पाने के लिए सावन सोमवार या मंगला गौरी दोनों व्रतों को रखते हैं । लेकिन जो लोग इन व्रतों को रखने में असहज महसूस कर रहें हों तो वे शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं। सावन शिवरात्रि के व्रत से भी भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

भगवान शिव को समर्पित मासिक शिवरात्रि, हर माह की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार सावन शिवरात्रि 6 अगस्त को है और इसका पारण 7 अगस्त को किया जाएगा। समस्त शिवरात्रियों में दो सबसे अधिक प्रसिद्ध शिवरात्रि हैं , जिनमें पहली शिवरात्रि को फागुन त्रयोदशी महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है जबकि दूसरी सावन शिवरात्रि के नाम से जानी जाती है। सावन शिवरात्रि को कामना पूर्ति शिवरात्रि माना जाता है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करना भक्तों के लिए लाभकारी माना गया है। कहा जाता है कि जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की सभी कामनाओं को पूरा करते हैं। सावन शिवरात्रि के मौके पर भोले शंकर की सच्चे मन से आराधना करने पर मनवांछित मुराद पूरी होती है। 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शिवरात्रि 6 अगस्त दिन शुक्रवार शाम को 06 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रही है। जबकि यह तिथि अगले दिन यानी 7 अगस्त को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि शिवरात्रि का पूजन रात्रि में होता है इसलिए शिवरात्रि का व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा। सावन शिवरात्रि का पूजन निशिता काल करना उत्तम माना जाता है। निशिता काल में सावन शिवरात्रि पूजा का समय देर रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक है। इसके अलावा सावन शिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं।

6 अगस्त को शाम को 07: 08 बजे से रात 09 : 48 बजे तक
रात 09 : 48 बजे से देर रात 12 :27 बजे तक
देर रात 12:27 बजे से तड़के 03 : 06 बजे तक
07 अगस्त को तड़के 03 : 06 बजे से प्रात: 05 : 46 बजे तक

सावन शिवरात्रि 2021 पारण समय
सावन शिवरात्रि व्रत का पारण 7 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 
दोपहर 03 बजकर 47 मिनट के बीच किसी भी समय कर सकते हैं। 

सावन शिवरात्रि को कामना पूर्ति शिवरात्रि माना जाता है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करना भक्तों के लिए लाभकारी माना गया है। कहा जाता है कि जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की सभी कामनाओं को पूरा करते हैं। सावन शिवरात्रि के मौके पर भोले शंकर की सच्चे मन से आराधना करने पर मनवांछित मुराद पूरी होती है। शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए । इसके बाद साफ कपड़े पहन कर मन्दिर जाकर शिव की पूजा अर्चना करें। पूजा के लिए दूध, दही, शहद , घी,  चीनी,  इत्र, चंदन, केसर और भांग का प्रयोग करें । इन सब वस्तुओं से भोलेनाथ का अभिषेक करें । मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से संपूर्ण पापों का नाश होता है । इसके अलावा भगवान शिव को गेहूं से बनी वस्तुओं का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा ऐश्वर्या पाने की आकांक्षा से मूंग का भोग लगाएं । जबकि मनचाहा वर पाने के लिए चने की दाल का भोग भी लगाया जाता है। जो कुंवारी कन्या इस दिन व्रत रखती हैं उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है।


 

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