Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Jan, 2024 09:43 AM
शनि देव अस्त होने जा रहे हैं 12 फरवरी से लेकर 17 मार्च तक। ये अस्त स्थिति कुम्भ राशि में हो रही है। कुंभ राशि में शनि का गोचर हो रहा है। फिलहाल
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Shani Asta: शनि देव अस्त होने जा रहे हैं 12 फरवरी से लेकर 17 मार्च तक। ये अस्त स्थिति कुम्भ राशि में हो रही है। कुंभ राशि में शनि का गोचर हो रहा है। फिलहाल सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। इसके बाद शनि अस्त हो जाएंगे। कुंडली में दशा शनि की चल रही है और वो अस्त हो जाएं तो गोचर में भी अस्त हो जाएं तो इसका क्या असर देखने को मिलता है। तो चलिए जानते हैं आपकी कुंडली में शनि की दशा चल रही है तो कैसा फल मिलेगा।
मिथुन राशि के जातक या तो मंगल के नक्षत्र में पैदा होते हैं या राहु के या फिर गुरु के। जो जातक इस नक्षत्र में पैदा हुए हैं वो सारे ही शनि की महादशा से गुजर रहे हैं। महादशा नाथ जब अस्त हो जाते हैं तो उसका क्या परिणाम देखने को मिलता है जानते हैं इस आर्टिकल में।
शनि मिथुन राशि के जातकों के लिए अष्टम भाव के स्वामी बनेंगे। शनि की मकर राशि आपके अष्टम भाव में आ जाएगी। शनि आपकी कुंडली में भाग्य स्थान के भी स्वामी हैं। शनि भाग्य स्थान को मजबूत कर रहे हैं। भाग्य स्थान के स्वामी अस्त हो जाए तो निश्चित तौर पर आपको इसका असर जरूर पड़ेगा। ऐसा हो सकता है आप किसी काम के लिए कोशिश कर रहे थे तो उसमें भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सेहत का अवश्य ध्यान रखें। पांचवी दृष्टि छठे भाव के ऊपर जा रही है। इसका मतलब आप 35 दिन तक किसी की गारंटी लेने से बचें। हो सकता है विवाद में फंस जाएं। ऋण आपके ऊपर आ सकता है। रोग का सामना भी करना पड़ सकता है। शनि की दृष्टि ग्यारहवें भाव के ऊपर भी रहेगी। प्रमोशन में रूकावट का सामना करना पड़ेगा। शनि जब उदय अवस्था में आएँगे तो आपको फायदा दे सकते हैं। शनि की सातवीं दृष्टि पड़ रही है आपके भाई के स्थान पर। भाई के साथ किसी बात को लेकर मन-मुटाव हो सकता है। यदि कोई काम अटक रहा है तो उसमें थोड़ा पेशेंस रखने की जरुरत है। इस दौरान गाडी चलाते समय थोड़ी सावधानी रखने की जरुरत है।
नरेश कुमार
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