Srimad Bhagavad Gita: रचनात्मकता करती है सृजन

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Apr, 2022 09:27 AM

srimad bhagavad gita

अंतरात्मा को समझने की खोज में दो प्रकार के बुद्धिमान लोगों ने मानवता का मार्गदर्शन किया है। एक सकारात्मक पक्ष को देखता है तो दूसरा नकारात्मक

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Srimad Bhagavad Gita: अंतरात्मा को समझने की खोज में दो प्रकार के बुद्धिमान लोगों ने मानवता का मार्गदर्शन किया है। एक सकारात्मक पक्ष को देखता है तो दूसरा नकारात्मक पक्ष को। हालांकि, दोनों मामलों में लक्ष्य समान रहता है। इस मामले में अंतर यात्रा के शुरूआती बिंदु में है और हमारे मार्ग का चयन हमारे स्वभाव पर निर्भर करता है। सकारात्मकता देखने वाला अविनाशी, शाश्वत, स्थिर और सभी में व्याप्त के रूप में ‘उस’ का वर्णन करता है जो ‘पूर्ण’ है और उसमें कुछ जोड़ा नहीं जा सकता। ‘रचनात्मकता’ इसका ही एक रूप है।

PunjabKesari, srimad bhagavad gita in hindi, Gita In Hindi, Gita Bhagavad In Hindi

नकारात्मक पक्ष को देखने वाला अविनाशी, शाश्वत, स्थिर और सभी में व्याप्त के रूप में ‘उस’ का वर्णन करता है जो ‘रिक्त’ है और उसमें से कुछ भी हटाया नहीं जा सकता। ‘अंतरिक्ष’ इसका एक रूप है।

किसी भी मामले में, ‘रचनात्मकता’ और ‘अंतरिक्ष’ दोनों ही सृजन करने में सक्षम हैं। यह समझना आसान है कि ‘रचनात्मकता’ से सृजन होता है। दूसरी ओर, विज्ञान इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि ब्रह्मांड ‘शून्यता’ से बना है और ‘अंतरिक्ष’ में इस ब्रह्मांड को अस्तित्व में लाने की शक्ति है। सबसे छोटे परमाणु से लेकर शक्तिशाली ब्रह्मांड तक ‘अंतरिक्ष’ सर्वव्यापी है।

अक्सर उद्धृत किए जाने वाले एक श्लोक (2.23) में श्री कृष्ण कहते हैं कि ‘उस’ (देहि/आत्मा) को आग से नहीं जलाया जा सकता; हथियार काट नहीं  सकते; पानी घुला नहीं सकता;  हवा सुखा नहीं सकती।

PunjabKesari, srimad bhagavad gita in hindi, Gita In Hindi, Gita Bhagavad In Hindi

क्या कोई हथियार ‘अंतरिक्ष’ या ‘रचनात्मकता’ को नष्ट कर सकता है? हरगिज नहीं। अधिक से अधिक वह ‘रचनात्मकता’ की भौतिक अभिव्यक्ति का रूप बदल सकता है। इसी तरह, आग न तो रचनात्मकता को नष्ट कर सकती है और न ही अंतरिक्ष को। इसकी क्षमता/शक्ति लकड़ी को राख में बदलने तक सीमित है और दोनों पदार्थ अथवा भौतिक रूप हैं। पानी भी रचनात्मकता या अंतरिक्ष को घुला नहीं सकता। इसी तरह हवा में भी उन्हें नुक्सान पहुंचाने की शक्ति नहीं है। 

‘रचनात्मकता’ सृजन को अस्तित्व में ला सकती है, लेकिन सृजन में ‘रचनात्मकता’ को प्रभावित करने की शक्ति नहीं है। महत्वपूर्ण बात दिशा है। आकाश में बादल आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन वे आकाश को प्रभावित नहीं कर सकते।

PunjabKesari, srimad bhagavad gita in hindi, Gita In Hindi, Gita Bhagavad In Hindi

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!