Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Sep, 2025 06:32 AM

Vishwakarma Puja 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को देवों के नगरों जैसे स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, और कुबेरपुरी का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। कन्या संक्रांति के दिन उनकी जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस खास अवसर पर भक्त...
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Vishwakarma Puja 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को देवों के नगरों जैसे स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, और कुबेरपुरी का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। कन्या संक्रांति के दिन उनकी जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस खास अवसर पर भक्त भगवान विश्वकर्मा की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और मिठाइयों, फलों आदि का भोग लगाकर जरूरतमंदों को दान देते हैं। पूजा के दौरान उनकी कथा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे साधकों को व्यापार और कार्यों में सफलता मिलती है।

Story of Vishwakarma Jayanti विश्वकर्मा जयंती की पौराणिक कथा
प्राचीन कथाओं के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में भगवान विष्णु ने इस संसार के संचालन के लिए अवतार लिया था। उनकी नाभि से एक कमल उत्पन्न हुआ, जिससे ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्मा जी के पुत्रों में वास्तुदेव भी थे, जो धर्म की वस्तु नामक स्त्री से जन्मे सातवें पुत्र थे। वास्तुदेव की पत्नी का नाम अंगिरसी था, जिनसे ऋषि विश्वकर्मा का जन्म हुआ। ऋषि विश्वकर्मा वास्तुकला और निर्माण कला के महान आचार्य थे, जिनसे उनकी पंक्ति को खास ज्ञान प्राप्त हुआ।

कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का निर्माण किया। इसके अलावा उन्होंने पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ, भगवान श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी, भगवान इंद्र का व्रज, और सोने की बनी लंका का भी निर्माण किया था। इन्हीं कारणों से उन्हें देवों का श्रेष्ठ वास्तुकार माना जाता है।
