Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 May, 2023 07:41 AM
शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता
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Vrishabha Sankranti 2023: शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। आज सूर्य देव मेष राशि से निकल कर वृष राशि में गोचर करेंगे इसलिए इसे वृषभ संक्रांति कहा जाएगा। जब यह राशि परिवर्तन करते हैं तो बहुत सी राशियों को इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। कहते हैं इस राशि के परिवर्तन से मौसम में भी बदलाव देखने को मिलता है। आज के दिन सूर्य देव की पूजा करने से कुंडली में सूर्य प्रबल होते हैं। तो आइए जानते हैं आज कौन से समय में और किस तरह करें सूर्य देव की पूजा।
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Taurus Sankranti auspicious time वृषभ संक्रांति शुभ मुहूर्त: हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज पुण्य काल का समय सुबह 5 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और सुबह 11 बजकर 58 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।
महापुण्य काल- सुबह 9 बजकर 42 मिनट से सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय में पूजा-पाठ करने से पूजा के दोगुने फल मिलते हैं।
Taurus Sankranti Puja Method वृषभ संक्रांति पूजा विधि: आज सूर्य देव को जल अर्पित करें और अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करें।
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
इसके साथ आज विधि-विधान के साथ महादेव और पार्वती माता की पूजा करें और घर के मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं।
संक्रांति के दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता है तो हो सके तो अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य करें।
Do this remedy today आज करें ये उपाय: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज के दिन जमीन पर सोना शुभ माना गया है। खास तौर पर ब्रह्मचर्य का पालन करें। अन्न या वस्त्र दान जरूर करें। इस महीने में प्यासों को पानी पिलाना और भोजन कराना सबसे फलदायी माना गया है।