Vastu: घर की खिड़कियां कैसी होनी चाहिए, ये जानना है बेहद जरूरी वरना...

Edited By Updated: 23 Dec, 2021 05:20 PM

windows in home according to vastu shastra

वास्तु शास्त्र में न केवल दिशाओं के बारे में बल्कि इसमें मानव जीवन से जुड़ी लगभग प्रत्येक चीज़ के बारे में जानकारी दी है। इन्हीं में शामिल है घर की खिड़कियां। जी हां, वास्तु शास्त्र में इससे संबंधित काफी

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वास्तु शास्त्र में न केवल दिशाओं के बारे में बल्कि इसमें मानव जीवन से जुड़ी लगभग प्रत्येक चीज़ के बारे में जानकारी दी है। इन्हीं में शामिल है घर की खिड़कियां। जी हां, वास्तु शास्त्र में इससे संबंधित काफी जानकारी दी गई है। आज हम इसी के बारे में बात करने जा रहे हैं। अक्सर आप ने देखा होगा कि आज कल लोग अपने घरों में सजावट के अनुसार खिड़कियां बनवाने लगे हैं। परंतु इसके बीच में लोग ये भूल जाते हैं कि सुंदर दिखने के साथ साथ इनका सही दिशा में होना भी बहुत जरूरी होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत दिशा में बनाई गई खिड़कियां आपको परेशानी में डाल सकती हैं। तो चलिए आपको बताते हैैे वास्तु के अनुसार बताएंगे कि घर में कहां खिड़कियां लगानी चाहिए और कितनी खिड़कियां लगानी चाहिए।

वास्तु विज्ञान के हिसाब से खिड़कियों की संख्या सहीं हो तो घर में बरकत होती है। इसके साथ ही एक बात ध्यान में रखनी होती है कि इनकी संख्या सम यानि Even होनी चाहिए- जैसे 2 ,4 ,6 ,8 ,10। तो वहीं वास्तु के अनुसार घर की पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में खिड़कियों का होना लाभकारी माना गया है।

तो वहीं दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी गई है इसलिए इस दिशा में खिड़कियां बनवाने से बचना चाहिए। अगर इस दिशा में खिड़कियां बनाना जरूरी हों तो इन्हें कम से कम खोलें। अगर दक्षिण दिशा में खिड़कियां बनाना मजबूरी हो, तो उन्हें कम से कम खोलें। यदि हो सके, तो घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर खिड़कियां बनवानी चाहिए। इससे चुंबकीय चक्र पूरा होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह लगातार बना रहता है। खिड़कियों को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना चाहिए। इन्हें खोलते या बंद करते समय आवाज नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। खिड़कियां हमेशा अंदर की ओर खुलनी चाहिए। खिड़की का आकार जितना बड़ा हो, उतना अच्छा माना जाता है।

घर की खिड़कियों को शुभ प्रभाव के लिए हमेशा साफ़ और स्वच्छ रखें और कोशिश करें कि घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ समान आकार की खिड़कियां हों, ऐसा करने से चुंबकीय चक्र पूरा होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह लगातार बना रहता है। ध्यान रखें कि इन्हें खोलते या बंद करते समय किसी भी तरह की आवाज़ नहीं होनी चाहिए, वरना ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं।

आपको बता दें कि पूर्व दिशा सूर्यदेव की दिशा है इसलिए इस दिशा में खिड़कियां अधिक होनी चाहिए। इस दिशा में बनी हुई खिड़कियों से न केवल सूरज की पहली किरण प्रवेश करती है बल्कि इस रोशनी के साथ घर में सौभाग्य भी प्रवेश करता है। इससे परिवार के सदस्यों को यश और तरक्की मिलती है।  उत्तर दिशा का संबंध धन के देवता कुबेर से है इस दिशा में खिड़कियां रखने से कुबेर देवता की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा शुभ और सकारात्मक परिणामों के लिए खिड़की के बाहर की तरफ छोटे-छोटे पौधे गमलों में लगाकर रखें। रोजाना घर की खिड़कियों को कुछ समय के लिए जरूर खोलना चाहिए। इससे घर में शुद्ध हवा, प्रकाश व सकारात्मक ऊर्जा आती है।


इसके अलावा बता दें किस दिशा में खिड़कियां लगवाना अच्छा रहता है और किस दिशा में नहीं। वास्तु के अनुसार घर, फ्लैट, ऑफिस या बिल्डिंग, सब जगह खिड़कियों कि लिए पूर्व, उत्तर और पश्चिम दिशा को ही सबसे उत्तम माना जाता है। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है। लेकिन दक्षिण दिशा में कभी भी खिड़की नहीं बनवानी चाहिए।

 

 

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