Navratri 8th Day: माता महागौरी से जुड़ी हर जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Oct, 2020 06:41 AM

worship maa mahagauri on the 8th day of navaratri

मां दुर्गा के हर रूप का अपना विशेष महत्व है। मां का हर रूप उसके उपासक को भय व कष्टों से मुक्त कर इच्छित फल प्रदान करता है। नवरात्र के नौ दिन जब मां के नौ रूपों की आराधना की जाती है

Navratri 8th Day: मां दुर्गा के हर रूप का अपना विशेष महत्व है। मां का हर रूप उसके उपासक को भय व कष्टों से मुक्त कर इच्छित फल प्रदान करता है। नवरात्र के नौ दिन जब मां के नौ रूपों की आराधना की जाती है तब आठवां दिन मां  के महागौरी रूप को समर्पित है। मां के इस रूप की पूजा-अर्चना करने से जातक को सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इनकी उपासना अत्यधिक शुभ फलप्रदायी है। मां की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप व दुष्कर्म धूल जाते हैं।

PunjabKesari maa mahagauri Ashtami 2020 Maa Mahagauri: मां का स्वरूप
मां महागौरी का रूप अति रमणीय, मोहक व शांत है। ये श्वेत वस्त्रधारी होने के कारण भी कहलाती है। इनकी चार भुजाओं में से एक में त्रिशूल, एक में डमरू शोभित है। एक हाथ अभय मुद्रा व दूसरा एक हाथ वरमुद्रा में है। इनका वाहन वृषभ है, जिसके कारण इन्हें वृषभवाहिनी भी कहा जाता है। मां का वर्ण अपने नाम के अनुसार बहुत ही श्वेत (गौरा) उज्ज्वल, व सुंदर है। इनके मुख पर अतुल्य कांति है। इनके मस्तक पर मुकुट, गले में माला व हाथ पैरों में आकर्षक आभूषण सुशोभित हैं।

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Maa Mahagauri story: मां से जुड़ी पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए अन्न-जल को त्याग निराहार होकर कठोर तपस्या की। तपस्या के समय उनका वर्ण एक दम काला हो गया। मां किसी बात की परवाह किए बिना ध्यानमग्न हो कर तपस्या करती रही। उनकी तपस्या से प्रसन्न हो कर भगवान शिव ने मां को स्वीकार किया व उन के शरीर को पवित्र गंगाजल से धोया था, तब मां का रूप अति कांतिमान, तेजधारी व अत्यंत गौरा हो गया। तभी से मां को महागौरी के नाम से जाना जाता है। मां का यह रूप बहुत ही सुंदर व व्यक्ति के लिए इच्छा अनुरूप फल देने वाला है। ऐसी भी मान्यता है कि माता सीता ने भगवान राम को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां के महागौरी रूप की ही पूजा की थी।

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Maa Mahagauri Puja Vidhi: पूजा विधि
इस दिन साधक को सुबह सवेरे नहा-धोकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए। सर्व प्रथम मां की चौंकी सजाएं व उस पर सफेद रंग का आसन बिछाएं। गंगाजल से शुद्ध करें, चौंकी पर मां की प्रतिमा को स्थापित करें। मां को लाल रंग की चुनरी पहनाएं। धूप-दीप दिखाएं। रोली व चंदन से तिलक करें। हाथ में पुष्प लेकर संकल्प लें। निम्नलिखित मंत्र का जप करें और मां से अभिलाषित वर देने की प्राथना करें।

Maa Mahagauri Mantra: श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

What is the power of the Hindu Goddess Mahagauri: महागौरी मां की आराधना करने से जातक की कुंडली के शुक्र ग्रह को बल मिलता है व उसके फलों में शुभता आती है। व्यक्ति के घर-परिवार में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। मां की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के जीवन में धन व ऐश्वर्य का आगमन होता है। मन की एकाग्रता बढ़ती है। वह सदमार्ग की ओर अग्रसर होता है। इस दिन अविवाहित जातक अच्छे जीवनसाथी की कामना हेतू भी मां की आराधना करते हैं। मां संतान सम्बंधी समस्याओं को दूर कर संतान सुख प्रदान करती है।

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