Edited By Sarita Thapa,Updated: 14 Dec, 2025 12:52 PM

पत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन ज्ञान, बुद्धि और मंगलकारी देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित होता है।
Sankashti Chaturthi 2026: प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन ज्ञान, बुद्धि और मंगलकारी देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित होता है। संकष्टी शब्द का अर्थ है संकटों से मुक्ति दिलाना। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से चंद्र दर्शन के साथ गणेश जी की पूजा करने से भक्तों के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि आप वर्ष 2026 में आने वाली सभी संकष्टी चतुर्थी तिथियों पर उपवास रखने और गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं 2026 में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी की तिथियों के बारे में-
| तिथि |
चतुर्थी का नाम |
| 6 जनवरी 2026 |
अंगारकी चतुर्थी |
| 5 फरवरी 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 6 मार्च 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 5 अप्रैल 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 5 मई 2026 |
अंगारकी चतुर्थी |
| 3 जून 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 3 जुलाई 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 2 अगस्त 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 31 अगस्त 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 29 सितंबर 2026 |
अंगारकी चतुर्थी |
| 29 अक्टूबर 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 27 नवंबर 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |
| 26 दिसंबर 2026 |
संकष्टी चतुर्थी |

संकष्टी चतुर्थी का महत्व
हिंदू मान्यताओं में, संकष्टी चतुर्थी का व्रत संकटों का निवारण करने वाला और अत्यंत फलदायी माना गया है। यह पवित्र उपवास हर चंद्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस तिथि को विशेषकर जब यह मंगलवार के दिन पड़ती है, इसे अंगारकी चतुर्थी भी कहा जाता है, जिसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। जो भी साधक पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करते हुए यह व्रत रखता है, विघ्नहर्ता गणेश जी उसके जीवन के समस्त कष्टों और बाधाओं को दूर करते हैं। यह व्रत बप्पा को प्रसन्न करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे भक्तों को सुख-समृद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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